कृषि

Tea Leaves MSP: हरी चाय पत्तियों के लिए एमएसपी की मांग, छोटे उत्पादकों ने क्यों की ये डिमांड

Tea Leaves MSP: देश के छोटे चाय उत्पादकों (STG) ने सरकार से हरी चाय की पत्तियों के लिए न्यूनतम टिकाऊ मूल्य (एमएसपी) लागू करने की मांग की है। इससे उनकी आय सुरक्षित होगी और वे बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक बने रह सकेंगे। इस कदम से छोटे उत्पादकों को आर्थिक स्थिरता मिलेगी और वे चाय उद्योग में टिकाऊ विकास कर पाएंगे।

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Tea Leaves MSP: भारत के छोटे चाय उत्पादक, जिन्हें एसटीजी (Small Tea Growers) के नाम से जाना जाता है, ने सरकार से मांग की है कि हरी चाय की पत्तियों के लिए न्यूनतम टिकाऊ मूल्य (MSP) लागू किया जाए। उनका मानना है कि इससे उनकी आय सुरक्षित रहेगी और वे बाजार की प्रतिस्पर्धा में टिकाऊ बन पाएंगे।

छोटे चाय किसान बोले: MSP से बढ़ेगी आय, मजबूत होगी देश की चाय उद्योग! (तस्वीर-Istock)

देश के चाय उत्पादन में एसटीजी का महत्वपूर्ण योगदान

न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक छोटे चाय उत्पादकों का देश में कुल चाय उत्पादन में 50 प्रतिशत से अधिक योगदान है। भारत में करीब 2.5 लाख एसटीजी हैं जो चाय उद्योग की रीढ़ माने जाते हैं। हाल ही में केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात के दौरान, छोटे चाय उत्पादकों के प्रतिनिधिमंडल ने यह बात प्रमुखता से रखी। उन्होंने कहा कि MSP की मांग इसलिए की जा रही है ताकि बाजार में निराशाजनक कीमतों से वे बच सकें और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत बनी रहे।

MSP के लिए 35 रुपये प्रति किलोग्राम का प्रस्ताव

एसटीजी ने 35 रुपये प्रति किलोग्राम की न्यूनतम टिकाऊ मूल्य की मांग की है। यह मूल्य उन्हें बाजार के अनिश्चित भावों से सुरक्षा प्रदान करेगा और उनकी उत्पादन लागत पूरी करने में मदद करेगा। छोटे उत्पादक इस कदम से अपने आर्थिक संकट से बाहर आने की उम्मीद कर रहे हैं।

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