कृषि

चीन लेने वाला है ऐसा फैसला, भारत के किसानों पर पड़ेगा जिसका सीधा असर

भारत का विशेष उर्वरक उद्योग नई आपूर्ति चुनौतियों के लिए तैयार हो रहा है, क्योंकि चीन अक्टूबर से फिर से उर्वरक निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहा है। एक सीनियर उद्योग अधिकारी ने बताया कि इससे कीमतों में वृद्धि हो सकती है, जिसका सीधा प्रभाव किसानों पर पड़ेगा और खेती की लागत बढ़ सकती है।
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चीन फिर लगाएगा उर्वरक निर्यात पर प्रतिबंध, भारत के लिए नई चुनौती (तस्वीर-istock)

China fertilizer export ban : भारत का विशेष उर्वरक उद्योग आपूर्ति की संभावित कमी और कीमतों में बढ़ोतरी जैसी नई चुनौतियों के लिए तैयार हो रहा है। चीन अक्टूबर से अपने निर्यात प्रतिबंधों को फिर से कड़ा करने की दिशा में बढ़ रहा है, जिससे वैश्विक और घरेलू बाजारों में असर पड़ने की आशंका है। न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक एक सीनियर उद्योग अधिकारी ने शनिवार को कहा कि ऐसे में कीमतें बढ़ सकती हैं, जिसका सीधा असर किसानों पर पड़ेगा।

अस्थायी राहत, लेकिन दीर्घकालिक चिंता

अभी के लिए चीन ने विशेष उर्वरकों के निर्यात को अस्थायी रूप से बहाल किया है, जिससे कुछ राहत जरूर मिली है। हालांकि, यह राहत लंबे समय तक टिकेगी नहीं। घुलनशील उर्वरक उद्योग संघ (SFIA) के अध्यक्ष राजीब चक्रवर्ती ने कहा कि यह केवल एक अस्थायी समाधान है। चीन अक्टूबर से निर्यात खिड़की बंद कर रहा है, न सिर्फ भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए।

आपूर्ति बाधाएं और संभावित मूल्यवृद्धि

चक्रवर्ती ने यह भी बताया कि जब चीन प्रतिबंध लगाता है, तो वह आमतौर पर निर्यात को पूरी तरह से नहीं रोकता, बल्कि खेपों के निरीक्षण को कड़ा कर देता है और डिलीवरी में देरी करके आपूर्ति को नियंत्रित करता है। "यह प्रक्रिया अक्टूबर से फिर शुरू होगी," उन्होंने आगाह किया। भारतीय विशेष उर्वरक कंपनियां अब अगले एक महीने में पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष कर रही हैं, ताकि प्रतिबंधों से पहले आवश्यक भंडारण किया जा सके।

घरेलू समाधान की ओर बढ़ता भारत

इस संकट के बीच, एक सकारात्मक खबर यह है कि भारत ने अपनी पहली स्वदेशी पानी में घुलनशील उर्वरक तकनीक विकसित कर ली है। इस तकनीक पर पिछले सात वर्षों से अनुसंधान चल रहा था, जिसका नेतृत्व SFIA ने किया। चक्रवर्ती ने कहा कि हमारा उद्देश्य भारत को एक आयात-निर्भर देश से एक निर्यात प्रधान देश बनाना है,"

मध्यम अवधि में राहत संभव, लेकिन कीमतें बढ़ेंगी

उद्योग को उम्मीद है कि मध्य सत्र तक घरेलू आपूर्ति शुरू हो जाएगी, जिससे आंशिक राहत मिल सकती है। हालांकि, कीमतों में वृद्धि को पूरी तरह से रोकना मुश्किल माना जा रहा है, जिसका सीधा असर किसानों पर पड़ेगा।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह टाइम्स नाऊ नवभारत डिजिटल में बिजनेस डेस्क के इंचार्ज हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वो बिहार के खगड़िया जिले के र...और देखें

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