रक्षाबंधन
राखी यानी रक्षाबंधन का त्यौहार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। अंग्रेजी कलैंडर के अनुसार ये त्यौहार जुलाई के अंतिम या अगस्त के शुरूआती सप्ताह में आता है। भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्यौहार इस साल यानी 2025 में 9 अगस्त के दिन मनाया जाएगा।
रक्षाबंधन श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। यह तिथि हिन्दू पंचांग के अनुसार तय होती है। यही कारण है कि अंग्रेजी कैलेंडर (ग्रेगोरियन कैलेंडर) में इसकी तारीख हर साल बदलती रहती है।
रक्षाबंधन क्यों मनाते हैं
सामान्य रूप से रक्षाबंधन भाई-बहन के प्यार, विश्वास और सुरक्षा के रिश्ते का प्रतीक है। लेकिन इसके पीछे कुछ पौराणिक कहानियां भी सुनने को मिलती हैं। जिसमे द्रौपदी और श्रीकृष्ण की कथा और राजा बलि और माता लक्ष्मी की कथा को विशेष महत्व दिया गया है। सनातन धर्म में चार वर्ण व्यवस्था के अनुसार चार त्यौहार बताये गए है. ब्राह्मण वर्ण का रक्षाबंधन, क्षत्रिय वर्ण का दशहरा , वैश्य वर्ण का दीपावली और शूद्र वर्ण का होली। इस त्यौहार को श्रावणी कर्म, श्रावणी उपाकर्म, ऋषि तर्पण के नाम से भी जाना जाता है
रक्षाबंधन कैसे मनाते हैं
उत्तर भारत के घरों में रक्षाबंधन मनाने का चलन काफी ज्यादा है। लेकिन आजकल ये त्यौहार देश भर में मनाया जाने लगा है। इसके मनाने के लिए भाई को आसन पर बैठाना और फिर उसकी आरती उतारकर तिलक किया जाता है। इसके बाद बहन भाई को राखी बांधती और मिठाई खिलाती है। इसके बाद भाई अपनी बहन को कुछ उपहार भी देते हैं।
रक्षा बंधन की पूजा सामग्री
रक्षाबंधन की पूजा के लिए आपको एक पूजा का थाल सजाना चाहिए। जिसमें कुमकुम या चंदन के साथ अक्षत (चावल) रखने चाहिए। इसके साथ ही आपको राखी और मिठाई का भी इंतजाम करना चाहिए। भाई की उपस्थिति न होने पर बहन नारियल को भी टीका करके पूजन कर सकती हैं।
- राखी
- राखी की कहानी
- कुमकुम
- अक्षत
- चंदन
- मेवे की शीशी
- गंगाजल
- धूप
- मिश्री
- स्वस्तिक स्टिकर
- थालपोश
- ज्योत
- देसी घी की बातियाँ
- विधि-विधान कार्ड
- मौली
- शुभकामना पत्र
- पूजा थाली
रक्षा बंधन की पूजा विधि
रक्षाबंधन
जैसी कि आपको पता है कि रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की आरती करके राखी बांधती हैं। आज हम आपको इस पूजन की संपूर्ण विधि बताने जा रहे हैं। इसके लिए भाई को पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके बैठाएं। इसके बाद माथे पर रोली या चंदन का टीका लगाएं। इसके बाद भाई की आरती उतारकर कलाई पर राखी बांधें।
रक्षा बंधन त्यौहार के दिन प्रातः भाई-बहन स्नान करके भगवान गणेश की पूजा करते हैं। इसके बाद अक्षत, कुमकुम, मिष्ठान, कलश एवं दीप जलकर थाल सजाते हैं। इस थाल में रक्षा सूत्र रंग-बिरंगी राखियों को रखकर उसकी पूजा करते हैं फिर बहनें भाइयों के माथे पर कुमकुम, रोली एवं अक्षत से तिलक करती हैं।
इसके बाद सबसे पहले बहन भाई की आरती उतारती है फिर दाईं कलाई पर रक्षासूत्र (राखी) बांधती हैं और मिठाई से भाई का मुंह मीठा कराती हैं। राखी बंधवाने के बाद भाई बहन को रक्षा का आशीर्वाद एवं उपहार व धन देता है। बहनें राखी बांधते समय भाई की लम्बी उम्र एवं सुख तथा उन्नति की कामना करती है।
इस दिन बहनों के हाथ से राखी बंधवाने से भूत-प्रेत एवं अन्य बाधाओं से भाई की रक्षा होती है। जिन लोगों की बहनें नहीं हैं वह आज के दिन किसी को मुंहबोली बहन बनाकर राखी बंधवाएं तो शुभ फल मिलता है। इन दिनों चांदी एवं सोनी की राखी का प्रचलन भी काफी बढ़ गया है। चांदी एवं सोना शुद्ध धातु माना जाता है अतः इनकी राखी बांधी जा सकती है लेकिन, इनमें रेशम का धागा लपेट लेना चाहिए।
रक्षा बंधन पर तिलक लगाने का मंत्र
- ॐ आदित्या वसवो रुद्रा विश्वेदेवा मरुद्गणाः। तिलकान्ते प्रयच्छन्तु धर्मकामार्थसिद्धये।
- चन्दनस्य महत्पुण्यं, पवित्रं पापनाशनम् । आपदां हरते नित्यं, लक्ष्मीस्तिष्ठति सर्वदा ॥
- नमो ब्रह्मण्य देवाय गो-ब्राह्मण्ण हिताय च |जगत हिताय कृष्णाय गोविंदाय नमो नमः ||
- केशवानन्त गोविंद बाराह सर्वोच्च। पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु ॥
- ॐ यावत् गंगा कुरूक्षेत्रे यावत् तिष्ठति मेदनी।यावत् रामकथा लोके तावत् जीवतु आयुः ॥
- कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम्। ददातु चंदनं नित्यं सततं धारयाम्यहम् ॥
- गंगा पूजे यमुना को, यमी पूजे यमराज को। सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा जमुना नीर बहे मेरे भाई तुम फूले फलें॥
- तिलक लगाने से पहले स्नान करना चाहिए।
- तिलक हमेशा अनामिका उंगली से लगाना चाहिए।
- तिलक लगाने के बाद भाई को मिठाई खिलाना चाहिए।
- राखी बांधते समय भाई के सिर पर कोई कपड़ा नहीं रखना चाहिए।
- राखी हमेशा भाई के दाएं हाथ में बांधनी चाहिए।
रक्षाबंधन का त्यौहार मनाते यानी राखी बांधते समय आप इस मंत्र का उच्चारण भी कर सकते हैं।
रक्षा बंधन पर राखी बांधने के कुछ मंत्र:
येन बद्धो बलि राजा दानवेन्द्रो महाबलः।तेन त्वाम् प्रतिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल॥
अर्थ - जिस रक्षा-सूत्र से महाबली राजा बलि को बांधा गया था, उसी से मैं तुम्हें बांधती हूं। यह रक्षा-सूत्र तुम्हारी रक्षा करे।
रक्षा बंधन की तारीख पिछले 5 साल में
पिछले 5 साल में रक्षाबंधन का त्योहार साल 2020 में 3 अगस्त 2020 दिन सोमवार साल 2021 में 22 अगस्त दिन रविवार, साल 2022 में 11 अगस्त, दिन गुरुवार, साल 2023 में 30 अगस्त दिन बुधवार को और साल 2024 में 19 अगस्त दिन सोमवार को मनाया गया है।
वर्ष | तिथि | दिन |
---|---|---|
2020 | 3 अगस्त | सोमवार |
2021 | 22 अगस्त | रविवार |
2022 | 11 अगस्त | गुरुवार |
2023 | 30 अगस्त | बुधवार |
2024 | 19 अगस्त | सोमवार |
रक्षा बंधन की तारीख अगले पांच साल में
वहीं अगले 5 साल में रक्षाबंधन का त्यौहार 2026 में 28 अगस्त दिन शुक्रवार, साल 2027 में 18 अगस्त दिन बुद्धवार, साल 2028 में 24 अगस्त दिन शुक्रवार, साल 2029 में 24 अगस्त दिन शु्क्रवार, साल 2020 में 13 अगस्त दिन बुधवार को मनाया जाएगा।
वर्ष | तारीख | दिन |
---|---|---|
2026 | 28 अगस्त | शुक्रवार |
2027 | 18 अगस्त | बुधवार |
2028 | 24 अगस्त | शुक्रवार |
2029 | 24 अगस्त | शुक्रवार |
2030 | 13 अगस्त | बुधवार |
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