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दिल्ली विधानसभा में BJP का खुलासा; 'फांसीघर' की कहानी मनगढंत, 'टिफिन रूम' है वह कमरा

दिल्ली विधानसभा में फांसीघर को लेकर भाजपा और आप में विवाद छिड़ गया। विधानसभा अध्यक्ष ने उस कमरे को ब्रिटिश कालीन टिफिन रूम बताया, जिसका फांसीघर के रूप में उद्घाटन हुआ था। इसके लिए अध्यक्ष ने नक्शों का हवाला भी दिया, वहीं आप ने सत्ता पक्ष पर इस तरह के विवाद से जनता की असली समस्याओं से ध्यान हटाने का आरोप लगाया।

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Delhi News: दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच ‘फांसीघर’ को लेकर तीखी बहस छिड़ गई। यह विवाद तब शुरू हुआ जब विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सदन को बताया कि 2022 में विधानसभा परिसर में हुए जीर्णोद्धार के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़े धूमधाम से जिस ‘फांसीघर’ का उद्घाटन किया गया था, वह असल में ब्रिटिश कालीन ‘टिफिन रूम’ था।

दिल्ली विधानसभा का फांसीघर, टिफिन रूम है (फाइल फोटो | PTI)

टिफिन रूम था तथाकथित फांसीघर

अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सदन में स्पष्ट किया कि यह स्थल किसी फांसीघर या ट्रैप डोर (फंदे और जाल) वाला कमरा नहीं था, बल्कि ब्रिटिश काल के दौरान भोजन लाने-ले जाने के लिए इस्तेमाल होने वाली लकड़ी की लिफ्ट से जुड़ा ‘टिफिन रूम’ था। उन्होंने कहा कि उस समय वहां सुरंग जैसी कोई चीज नहीं थी, बल्कि जमीन के नीचे बने भवनों में हवा के लिए वेंटिलेशन डक्टिंग बनाई जाती थी, जो संसद भवन में भी देखी जा सकती है।

कैसे हुई विवाद की शुरुआत

इस विवाद की शुरुआत पूर्व विधानसभा स्पीकर राम निवास गोयल के दावे से हुई थी, जिन्होंने कहा था कि विधानसभा परिसर के एक पुराने बंद दरवाजे के पीछे अंग्रेजों के जमाने का फांसीघर मिला है। उन्होंने इसे स्वतंत्रता सेनानियों की याद में एक तीर्थस्थल बनाने की योजना बताई थी। गोयल के अनुसार, यह दो मंजिला इमारत थी जहां क्रांतिकारियों को लाकर फांसी दी जाती थी।

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