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'ऐसी पार्टी जहां एक भी मुस्लिम MP नहीं, क्या वह मुस्लिम अधिकारी की नियुक्ति करेगी?', वक्फ अधिनियम पर ओवैसी का सवाल

अधिनियम के कई अहम प्रावधानों पर अंतरिम रोक लगाने का प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने सोमवार को स्वागत किया, लेकिन ‘वक्फ बाय यूजर’ से संबंधित प्रावधान पर राहत नहीं देने पर असंतोष भी जताया। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी), जमीयत उलेमा-ए-हिंद, जमात-ए-इस्लामी हिंद व ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने पूरे कानून पर रोक नहीं लगाने पर मायूसी जताई है।

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Waqf Amendment Act : ऑल इंडिया मज्लिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा कि वक्फ संशोशन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश भी वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा नहीं कर पाएगा। ओवैसी ने कहा कि यह अधिनियम अतिक्रमणकारियों को लाभ पहुंचाएगा और वक्फ भूमि पर विकास कार्य रुक जाएगा। हैदराबाद में मीडिया से बातचीत में ओवैसी ने कहा कि यह अंतरिम आदेश है। हमें उम्मीद है कि इस पूरे अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट जल्द अपना अंतिम फैसला सुनाएगा।

एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी। तस्वीर-PTI

सुप्रीम कोर्ट का यह अंतरिम आदेश-ओवैसी

ओवैसी ने पत्रकारों से कहा, 'इस अधिनियम पर अंतिम निर्णय अभी नहीं आया है। यह केवल एक अंतरिम आदेश है। उम्मीद है कि वह (शीर्ष अदालत) इस अधिनियम के पूरे मुद्दे पर जल्द ही फैसला सुनाएगी।' न्यायालय ने सोमवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के कुछ प्रमुख प्रावधानों पर रोक लगा दी, जिसमें यह प्रावधान भी शामिल है कि केवल पिछले पांच वर्षों से इस्लाम का पालन करने वाले लोग ही वक्फ बना सकते हैं। हालांकि, अदालत ने पूरे कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने इस विवादास्पद मुद्दे पर अपने 128 पृष्ठों के अंतरिम आदेश में कहा,‘किसी कानून की संवैधानिकता के पक्ष में हमेशा एक धारणा होती है और इसमें हस्तक्षेप केवल दुर्लभतम मामलों में ही किया जा सकता है।’

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