Punjab Flood: पंजाब में बाढ़ से अब तक 39लोगों की मौत हो चुकी है और 3.55 लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ में 1.75 लाख हेक्टेयर से ज़्यादा क्षेत्र में फसलें बर्बाद हो गई हैं।
चंडीगढ़: पंजाब में भारी बारिश के कारण स्थितियां और गंभीर हो गई और मृतकों की संख्या बढ़कर 39 हो गई, जबकि 1988 के बाद राज्य में आए सबसे भीषण सैलाब से 23 जिलों में 1.75 लाख हेक्टेयर भूमि पर लगी फसलें नष्ट हो गईं। राज्य में बचाव और राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं और अलग-अलग जगहों से मदद पहुंच रही है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक,1698 गांवों के 3 लाख 80 हजार लोग प्रभावित है। भारी बारिश के बाद रूपनगर और पटियाला जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और लोगों से सतर्क रहने का आग्रह किया गया है, जबकि सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय सात सितंबर तक के लिए बंद कर दिए गए हैं। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को पंजाब के अमृतसर जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, जहां उन्होंने प्रभावित किसानों से बातचीत की। ट्रैक्टर पर सवार होकर चौहान गुरदासपुर में एक जलमग्न खेत में भी गए और बाढ़ से क्षतिग्रस्त धान की फसल का निरीक्षण किया।
पंजाब में बाढ़ से त्राहिमाम (फोटो-ANI)
इससे पहले अमृतसर में उन्होंने कहा कि बाढ़ से उत्पन्न स्थिति का आकलन करने के लिए दो केंद्रीय दल भी पंजाब का दौरा कर रहे हैं और वे केंद्र को एक रिपोर्ट सौंपेंगे। चौहान के साथ केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पंजाब इकाई के प्रमुख सुनील जाखड़ और राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ, प्रदेश भाजपा नेता सुभाष शर्मा सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद थे। इससे पहले, यहां आगमन पर पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उन्हें बाढ़ की स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी।
हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर की बारिश का पंजाब में असर
हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है। हिमालय से निकलने वाली सतलुज, व्यास और रावी नदियां तथा छोटी नदियां पहले से ही उफान पर हैं, जिससे शहर, गांव और कृषि भूमि जलमग्न हो गई है और सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
पंजाब सरकार ने दिया बड़ा राहत पैकेज
पंजाब सरकार ने तत्काल राहत और पुनर्वास उपाय के रूप में 71 करोड़ रुपये जारी किए, साथ ही ‘आप’ सरकार ने दोहराया कि वह लोगों को उनके नुकसान की भरपाई के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान बृहस्पतिवार को पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर फसल क्षति का जायजा लेंगे।
पंजाब में भारी बारिश से बाढ़ की स्थिति और बिगड़ गई है। सुबह छह बजे भाखड़ा बांध का जलस्तर 1,677.84 फुट था, जबकि इसकी अधिकतम क्षमता 1,680 फुट है। बांध में 86,822 क्यूसेक पानी का प्रवाह हुआ, जबकि 65,042 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। अधिकारियों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश को देखते हुए बांध से पानी छोड़ने की मात्रा 65,000 क्यूसेक से बढ़ाकर 75,000 क्यूसेक की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि नांगल के गांव जलमग्न हो सकते हैं। रूपनगर जिला प्रशासन ने भाखड़ा बांध से पानी छोड़े जाने के मद्देनजर सतलुज नदी के पास रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को कहा है। राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियन ने कहा कि राज्य हाल के दशकों में सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है, जिसमें 1,75,216 हेक्टेयर कृषि भूमि पर लगी फसल के विनाश होने की सूचना है।
पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने पठानकोट जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। ‘आप’ नेता मनीष सिसोदिया ने तरनतारन जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, जबकि आप के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने राहत कार्य के लिए अपने स्थानीय क्षेत्र विकास योजना कोष से 3.25 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना, सीमा सुरक्षा बल, पंजाब पुलिस और जिले के अधिकारियों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव अभियान जारी है। पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरजोत बैंस ने नदी किनारे और निचले इलाकों में रहने वाले श्री आनंदपुर साहिब के निवासियों से सुरक्षित स्थानों या राहत शिविरों में जाने की अपील की।
इस बीच पटियाला जिला प्रशासन ने भी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के मद्देनजर राजपुरा उप-मंडल में घग्गर नदी के निकटवर्ती गांवों के लिए अलर्ट जारी किया है। अधिकारियों के अनुसार, अंबाला में टांगरी नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है और अंबाला तथा काला अंब में भारी बारिश के बाद पटियाला में भी इसके बढ़ने की आशंका है।
एक से चार सितंबर तक बाढ़ प्रभावित सभी पांच जिलों का दौरा करने के बाद राज्यपाल ने चौहान को इन क्षेत्रों की जमीनी हकीकत से अवगत कराया और बाढ़ के कारण जान-माल, फसलों और बुनियादी ढांचे को हुए व्यापक नुकसान के बारे में बताया। उन्होंने पंजाब सरकार, जिला प्रशासन, सेना, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों द्वारा संयुक्त रूप से चलाए जा रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों की भी जानकारी दी। चौहान बाढ़ प्रभावित लोगों से मिलने और उनकी तात्कालिक आवश्यकताओं का आकलन करने के लिए पंजाब के दौरे पर हैं। राज्य को शीघ्र राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने में केंद्र सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
बाद में, पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां और विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल ने चौहान से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपकर अजनाला विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ से हुए नुकसान के लिए पहले चरण में 2,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने की मांग की। केंद्र से राज्य के लंबित 60,000 करोड़ रुपये जारी करने की भी मांग की। पंजाब इस समय दशकों में अपनी सबसे भीषण बाढ़ आपदाओं में से एक का सामना कर रहा है। यह बाढ़ सतलुज, व्यास और रावी नदियों के उफान पर बहने के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण मौसमी छोटी नदियों में उफान का नतीजा है।