कानपुर

रात में क्यों उड़ रहे ड्रोन? गांवों को कोई बना रहा निशाना या चोरी-लूट का है इरादा; क्या है इस 'बला' की सच्चाई?

यूपी के फतेहपुर जिले के देवमई ब्लॉक स्थित घिनवांखेड़ा गांव में रात के वक्त आसमान पर ड्रोन जैसी संदिग्ध वस्तु दिखाई देने से ग्रामीण दहशत में आ गए। ड्रोन की सूचना से ग्रामीण लाठी डंडे लेकर उसका पीछा करने लगे। हालांकि, संदिग्ध वस्तु विभागीय ड्रोन ही था या कोई अन्य उपकरण, अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।

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फतेहपुर : उत्तर प्रदेश इन दिनों ड्रोन जैसी 'बला' खौफ के साये में है। पश्चिमी यूपी से लेकर पूर्वी और अब बुंदेलखंड से लेकर अवध क्षेत्र में रात में उड़ते ड्रोन रहस्य बनते जा रहे हैं। पिछले कई दिनों से भय का पर्याय बन चुकी यह वस्तु लोगों की रात की नीदें हराम कर रही है। लोग इसे चोरी और लूट की घटनाओं से जोड़कर देख रहे हैं। ताजा मामला प्रदेश के फतेहपुर जनपद के देवमई ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले घिनवांखेड़ा गांव से सामने आया है, जहां ग्रामीणों ने बताया कि रात करीब 8 बजे के आसपास गांव के ऊपर से कुछ ड्रोन जैसे उपकरण उड़कर आगे की ओर निकल गए। ऐसे में अफरा-तफरी का माहौल हो गया और ग्रामीण लाठी डंडे लेकर संदिग्ध वस्तु का पीछा करने लगे। हालांकि, संदिग्ध वस्तु ड्रोन ही था या कोई अन्य उपकरण, इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है।

ड्रोन (फोटो-Istock)

ड्रोन से दहशत का माहौल

दरअसल, करीब 1 या 2 महीने से प्रदेश भर के विभिन्न जिलों के ग्रामीण इलाकों में ड्रोन जैसी संदिग्ध वस्तु देखी जा रही है, जिससे लोग खौफजदा हैं। ड्रोन की घटनाओं के बाद से डर और अफवाहों का माहौल व्याप्त है। कई गांवों में लोग रातभर जागकर पहरा दे रहे हैं। ऐसी खबरों पर नजर डालें तो करीब एक महीने के भीतर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में हापुड़, बुलंदशहर, बिजनौर, बागपत, अमरोहा, रामपुर, मुरादाबाद, मेरठ, कन्नौज समेत कई अन्य जिलों से ऐसी घटनाएं सामने आईं। प्रशासन से की गई शिकायतों के आधार पर बताया गया कि ड्रोन रात के समय अचानक प्रकट होते हैं और कुछ समय बाद गायब हो जाते हैं। कहा ये भी जा रहा है कि ड्रोन पर टॉर्च या रोशनी मारी जाती है तो वह और ऊपर आसमान की ओर चले जाते हैं, जिससे उनकी मंशा को लेकर संदेह जायज है।

ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि ड्रोन उड़ाने के पीछे कोई बड़ी साजिश है। इससे घरों की रेकी कर लूट जैसी घटनाओं को अंजाम देने की योजना है। कुछ जगहों पर चोरी जैसी घटनाएं हुई भी, जिससे संदेह और गहरा रहा है। हालांकि, सोशल मीडिया के दौर में अफवाहें भी कम नहीं हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई सरकारी सर्वे है या फिर जासूसी हो रही है। लिहाजा, प्रशासन ड्रोन गिराकर उसकी असलियत सामने लाए।

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