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बरसात की मार से जूझता हिमाचल प्रदेश; कांगड़ा में अब तक 48 की मौत, चंबा तक तबाही का साया

हिमाचल प्रदेश इन दिनों भीषण प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है, जहां कांगड़ा जिले में मानसून ने भारी तबाही मचाई है। अब तक 48 लोगों की जान जा चुकी है और करोड़ों की संपत्ति को नुकसान हुआ है। प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है, जबकि कई क्षेत्रों में हालात अब भी गंभीर बने हुए हैं।

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Himachal Pradesh Monsoon Damage: हिमाचल प्रदेश इन दिनों तबाही के मंजर से गुजर रहा है। कांगड़ा जिले में इस बार मानसून ने भारी तबाही मचाई है। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बुधवार को बताया कि बारिश शुरू होने के बाद से अब तक जिले को लगभग 463 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सबसे अधिक नुकसान आईपीएच और लोक निर्माण विभाग (PWD) को हुआ है। डीसी के अनुसार, अब तक बरसात के दौरान 48 लोगों की मौत हुई है, जिनमें सड़क हादसों के मामले भी शामिल हैं। जिले में 78 मकान पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं, जबकि 530 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि पौंग डैम से सटी 23 पंचायतें प्रभावित हुई हैं, जिनमें फतेहपुर की 6 और इंदौरा की 17 पंचायतें शामिल हैं।

चंबा में धंसी जमीन से भारी नुकसान

500 लोगों को किया गया अब तक रेस्क्यू

कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न होने के कारण पहले ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया था। वहीं, जो लोग पीछे रह गए थे, उन्हें NDRF की टीम ने रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला। अब तक कुल करीब 500 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बताया कि फतेहपुर और इंदौरा क्षेत्रों में जमीन और फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है, जिसकी फिलहाल आकलन प्रक्रिया जारी है। बताया जा रहा है कि जिले की कई सड़कें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।

कांगड़ा की स्थिति नियंत्रण में

धर्मशाला के आसपास सुधेड़ और मैक्लोडगंज की ओर जाने वाले मार्गों को भारी क्षति पहुंची है। प्रशासन इन सड़कों की मरम्मत का कार्य तेजी से कर रहा है ताकि भारी वाहनों की आवाजाही जल्द से जल्द बहाल की जा सके। उपायुक्त ने बताया कि राहत और पुनर्निर्माण का कार्य लगातार जारी है और फिलहाल जिला कांगड़ा की स्थिति नियंत्रण में है।

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