मां सिद्धिदात्री
Navratri Maha Navami (नवरात्रि महा नवमी): आज नवरात्रि का अंतिम दिन है जिसे महा नवमी कहा जाता है। ये दिन मां दुर्गा के नवें स्वरूप, सिद्धिदात्री देवी की पूजा के लिए समर्पित होता है। महा नवमी के दिन मां दुर्गा की शक्ति का आह्वान किया जाता है। इस दिन भक्त अपने व्रत का समापन करते हैं और कन्याओं को भोजन कराकर उनका आशीर्वाद लेते हैं। महा नवमी शक्ति, भक्ति और साधना का पावन पर्व है, जो व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भरता है।
नवरात्रि महा नवमी: नवरात्रि की महा नवमी हिंदू धर्म में एक अत्यंत शुभ और पवित्र दिन माना जाता है जो कि माता के सिद्धिदात्री रूप का होता है। माता सिद्धिदात्री अपने भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियां प्रदान करने वाली देवी मानी जाती हैं। इस दिन भक्त विशेष रूप से दुर्गा सप्तशती का पाठ, हवन और उपवास करते हैं। इस दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होता है, जिसमें नौ कन्याओं को माता के स्वरूप में मानकर भोजन कराया जाता है और उपहार दिए जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महा नवमी के दिन ही भगवान राम का जन्म हुआ था। इस दिन शक्ति उपासना के साथ-साथ भजन-कीर्तन, जागरण और धार्मिक अनुष्ठान भी किए जाते हैं। महा नवमी केवल शक्ति पूजा का दिन ही नहीं लेकिन ये आत्मबल, संयम और साधना का भी प्रतीक है। इस दिन की गई पूजा और व्रत से व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति होती है।
मां सिद्धिदात्री की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री की कठोर तपस्या कर आठों सिद्धियों को प्राप्त किया था। मां सिद्धिदात्री की अनुकंपा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी हो गया था और वो अर्धनारीश्वर कहलाएं। मां दुर्गा के नौ रूपों में ये रूप अत्यंत ही शक्तिशाली रूप माना जाता है। कहा जाता है कि, मां दुर्गा का ये रूप सभी देवी-देवताओं के तेज से प्रकट हुआ है। कथाओं के अनुसार जब महिषासुर के अत्याचारों से परेशान होकर सभी देवता गण भगवान शिव और भगवान विष्णु के पास पहुंचे, तब वहां मौजूद सभी देवी-देवताओं के तेज से एक देवी का जन्म हुआ, जिन्हें मां सिद्धिदात्री कहा जाता है। मां सिद्धिदात्री का रूप अत्यंत ही दिव्य है। माता का वाहन सिंह है। ये कमल पर विराजमान रहती हैं और इनकी चार भुजाएं हैं, दाहिने ओर के नीचे वाले हाथ में चक्र,ऊपर वाले हाथ में गदा और बाईं ओर के नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल का फूल है।
मां सिद्धिदात्री मंत्र:
नवरात्रि के नौवें दिन की पूजा में आप मां सिद्धिदात्री के इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं -
- या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
- ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नमः
- सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी
- ओम देवी सिद्धिदात्र्यै नमः
- सिद्ध गंधर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी
मां सिद्धिदात्री का बीज मंत्र:
ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नमः
मां सिद्धिदात्री स्तुति मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।मां सिद्धिदात्री प्रार्थना मंत्र:
सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥।मां सिद्धिदात्री शुभ रंग
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां सिद्धिदात्री को बैंगनी और लाल रंग पसंद है। महा नवमी के पावन दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा के समय इन दोनों रंगों को धारण करना शुभ माना जाता है।मां सिद्धिदात्री का भोग
नवरात्रि की नवमी के दिन मां दुर्गा नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री को- खीर
- पूड़ी
- चना
- हलवा
- नारियल
- मौसमी फल
मां सिद्धिदात्री पूजा विधि:
- सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं।
- मां को सफेद रंग के वस्त्र अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां को सफेद रंग पसंद है।
- मां को स्नान कराने के बाद सफेद पुष्प अर्पित करें।
- मां को रोली कुमकुम लगाएं।
- मां को मिष्ठान, पंच मेवा, फल अर्पित करें।
माता सिद्धिदात्री की आरती
॥ आरती देवी सिद्धिदात्री जी की ॥जय सिद्धिदात्री माँ तू सिद्धि की दाता। तु भक्तों की रक्षक तू दासों की माता॥
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि। तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि॥
कठिन काम सिद्ध करती हो तुम। जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम॥
तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है। तू जगदम्बें दाती तू सर्व सिद्धि है॥
रविवार को तेरा सुमिरन करे जो। तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो॥
तू सब काज उसके करती है पूरे। कभी काम उसके रहे ना अधूरे॥
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया। रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया॥
सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली। जो है तेरे दर का ही अम्बें सवाली॥
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा। महा नंदा मंदिर में है वास तेरा॥
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता। भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता॥
माता सिद्धिदात्री की आरती वीडियो
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