PM Kisan में अब नहीं चलेगी लापरवाही! सरकार ने बैंकों को दिए ये निर्देश

​PM Kisan Samman Nidhi Transactions: सरकार ने बैंकों को पीएम-किसान सम्मान निधि योजना के तहत फेल ट्रांजैक्शन कम करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह कदम ऐसे मुद्दों को दूर करने के लिए उठाया गया है, जिनमें आधार नंबर का अकाउंट से न जुड़ना, बंद खाते और अधूरी केवाईसी वेरिफिकेशन शामिल हैं।​

01 / 07
Share

​राज्य स्तर पर सुधारात्मक कदम​

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि राज्य स्तर पर कई पहलें और सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं ताकि इन चुनौतियों को दूर किया जा सके और फंड वितरण में देरी को कम किया जा सके। (तस्वीर- istock)

02 / 07
Photo : Istock

​योजना के लिए बजट आवंटन​

सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए इस योजना के तहत 63,500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं ताकि किसानों को लाभ समय पर मिल सके। (तस्वीर- istock)

03 / 07
Photo : Istock

​फेल ट्रांजैक्शन के प्रमुख कारण​

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, फेल ट्रांजैक्शन के प्रमुख कारणों में से एक आधार नंबर का लाभार्थी के बैंक खाते से न जुड़ना है। इसके अलावा, कभी-कभी किसान गलत जानकारी देते हैं जैसे कि लोन खाते या फिक्स्ड डिपॉजिट खाते देना। (तस्वीर- istock)

04 / 07
Photo : Istock

​किसानों से बेहतर संवाद का प्रयास​

बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे किसानों से बेहतर संवाद करें और उन्हें ऐसे मुद्दों के बारे में जानकारी दें। साथ ही, किसानों की केवाईसी पूरी कराने और फ्रीज या बंद खातों को सही करने में मदद करें। (तस्वीर- istock)

05 / 07
Photo : Istock

​योजना की प्रमुख विशेषताएं​

पीएम-किसान योजना 2019 में शुरू हुई थी, जो किसानों को सालाना 6,000 रुपये तीन किस्तों में सीधे उनके आधार लिंक्ड बैंक खातों में भेजती है। अब तक ₹3.90 लाख करोड़ से अधिक राशि 20 किस्तों में वितरित की जा चुकी है। (तस्वीर- istock)

06 / 07
Photo : Istock

​भुगतान प्रक्रिया में पारदर्शिता​

किसानों के विवरण को डिजिटल सार्वजनिक साधनों जैसे आधार, पीएफएमएस और इनकम टैक्स रिकॉर्ड्स के माध्यम से क्रॉस-चेक किया जाता है ताकि सही लाभार्थियों को ही भुगतान हो। (तस्वीर- istock)

07 / 07
Photo : Istock

​वित्तीय समावेशन अभियान आयोजित​

1 जुलाई से शुरू हुए तीन महीने के वित्तीय समावेशन अभियान के तहत 1,05,000 कैंप ग्राम पंचायतों में आयोजित किए गए, जिससे 6 लाख नए पीएमजेडीवाई खाते, 7 लाख पीएमजेजेबीवाई, 12 लाख पीएमएसबीवाई और 3 लाख एपीवाई रजिस्टर्ड हुए। साथ ही 14.2 लाख खातों का रि-केवाईसी भी किया गया। (तस्वीर- istock)