भारतीय सेना के पहले वॉर-डिसेबल्ड ऑफिसर Maj. Gen. Ian Cardozo से खास बातचीत, जिन्होंने न सिर्फ एक बटालियन बल्कि एक ब्रिगेड की भी कमान संभालकर यह साबित किया कि साहस और नेतृत्व की कोई सीमा नहीं होती। 1971 के युद्ध में लैंडमाइन पर कदम पड़ने के बाद उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए खुद अपना पैर काटने का साहसिक फैसला लिया। लेकिन वह क्षण उनके जीवन की रुकावट नहीं बना, बल्कि यहीं से उनके हौसले और आत्मबल को एक नई उड़ान मिली। युद्ध के मोर्चे से आगे बढ़कर उन्होंने करीब एक दशक तक रिहैबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया (RCI) के चेयरमैन के रूप में दिव्यांगजनों के पुनर्वास और समावेश की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।