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₹100 डेली SIP बनाम ₹3,000 मंथली SIP: 20 साल में कौन देगा ज्यादा रिटर्न?

SIP Crorepati: म्यूचुअल फंड में निवेश करने के दो तरीके होते हैं SIP और लंपसम। लंपसम में आपको एकमुश्त पैसा लगाना पड़ता है, जबकि SIP में आप हर महीने या रोजाना छोटी राशि से भी शुरुआत कर सकते हैं। अच्छी बात यह है कि कई फंड्स में सिर्फ ₹100 से SIP शुरू की जा सकती है। इसके साथ ही इसमें लिक्विडिटी भी रहती है, यानी जरूरत पड़ने पर आप फंड्स निकाल सकते हैं, हालांकि एग्जिट लोड या अन्य चार्ज लग सकते हैं।

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SIP Crorepati: भारत में म्यूचुअल फंड निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जून 2025 तक म्यूचुअल फंड फोलियो की संख्या 24.13 करोड़ तक पहुंच गई है, जबकि कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 74.41 लाख करोड़ रुपये हो गया है। जिन लोगों को सीधे शेयर मार्केट में निवेश का रिस्क लेना मुश्किल लगता है, वे म्यूचुअल फंड और खासकर SIP (Systematic Investment Plan) के जरिए पैसा लगा रहे हैं। SIP इसलिए लोकप्रिय है क्योंकि इसमें हर महीने या रोजाना एक तय राशि से निवेश किया जा सकता है और लंबी अवधि में बड़ा फंड तैयार होता है।

SIP Crorepati

SIP कैसे काम करता है?

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के दो तरीके होते हैं SIP और लंपसम। लंपसम में आपको एकमुश्त पैसा लगाना पड़ता है, जबकि SIP में आप हर महीने या रोजाना छोटी राशि से भी शुरुआत कर सकते हैं। अच्छी बात यह है कि कई फंड्स में सिर्फ ₹100 से SIP शुरू की जा सकती है। इसके साथ ही इसमें लिक्विडिटी भी रहती है, यानी जरूरत पड़ने पर आप फंड्स निकाल सकते हैं, हालांकि एग्जिट लोड या अन्य चार्ज लग सकते हैं।

डेली SIP बनाम मासिक SIP

अब सवाल उठता है कि डेली SIP बेहतर है या मासिक SIP। अगर कोई निवेशक रोजाना 100 रुपये निवेश करता है तो महीने में लगभग 20 से 22 ट्रेडिंग डे होते हैं और कुल मिलाकर करीब 2,200 रुपये का निवेश हो जाता है। दूसरी ओर, मासिक SIP में कोई निवेशक हर महीने एक बार 3,000 रुपये डालता है। दोनों ही स्थितियों में यूनिट खरीद अलग-अलग दिनों की नेट एसेट वैल्यू (NAV) पर होती है, जिसका असर लंबे समय में रिटर्न पर पड़ सकता है।

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