Budget 2024 Expectations: इनकम टैक्स छूट समेत वेतनभोगी क्लास को बजट से हैं ये उम्मीदें

बजट 2024 से वेतनभोगी को कई उम्मीदें
- वेतनभोगी वर्ग को बजट 2024 में कई घोषणाओं की उम्मीद है।
- वेतनभोगी क्लास को इनकम टैक्स छूट में वृद्धि की उम्मीद है।
- OPS की बहाली और 8वें वेतन आयोग के गठन की उम्मीद है।
Budget 2024 expectations: वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जुलाई के आखिरी में पूर्ण केंद्रीय बजट पेश होने वाला है। उम्मीद है कि इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से वेतनभोगी कर्मचारियों को टैक्स राहत दे सकती हैं। केंद्रीय बजट 23 या 24 जुलाई को संसद में पेश किए जाने की उम्मीद है। वेतनभोगी कर्मचारी अपने लिए कई अच्छी घोषणाओं की उम्मीद कर रहे हैं, जिसमें इनकम टैक्स छूट में वृद्धि, पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली और 8वें वेतन आयोग का गठन शामिल है। पिछला वेतन आयोग 2014 में गठित किया गया था और इसकी सिफारिशों को जनवरी 2016 में लागू किया गया था। वेतनभोगी टैक्सपेयर्स यह भी चाहते हैं कि पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत इनकम टैक्स स्लैब को समायोजित किया जाए या नई टैक्स व्यवस्था के लिए टैक्स छूट सीमा बढ़ाई जाय।
बढ़ सकती है इनकम टैक्स छूट सीमा
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक खपत को बढ़ावा देने के लिए सरकार सालाना 15 लाख रुपए से अधिक आय वालों को कुछ टैक्स राहत दे सकती है और 10 लाख रुपये की वार्षिक आय वालों के लिए इनकम टैक्स दरों को कम करने पर भी विचार कर सकती है। लाइवमिन्ट के मुताबिक सोमवार को बजट पूर्व बैठक में ट्रेड यूनियनों ने वित्त मंत्री के समक्ष कुछ प्रमुख मांगें रखीं। यूनियनों ने सरकार से सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण अभियान को रोकने, नई पेंशन योजना को खत्म करने, केंद्र सरकार के विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों में सभी मौजूदा रिक्तियों को भरने और कॉन्ट्रैक्ट और आउटसोर्सिंग की प्रथा को रोकने के लिए कहा था।
वेतन और ग्रेच्युटी पर भी बढ़े टैक्स छूट सीमा
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने अपने मेमोरेंडम में कहा कि वेतनभोगी वर्ग के लिए उनके वेतन और ग्रेच्युटी पर इनकम टैक्स छूट की अधिकतम सीमा को पर्याप्त रूप से बढ़ाया जाना चाहिए। असंगठित श्रमिकों और कृषि श्रमिकों के लिए सरकार द्वारा प्रायोजित सामाजिक सुरक्षा फंड की स्थापना की जानी चाहिए ताकि उन्हें न्यूनतम 9000 प्रति माह पेंशन और अन्य मेडिकल, शैक्षिक लाभ समेत परिभाषित सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा योजनाएं प्रदान की जा सकें। इसमें कहा गया कि पिछले कई दशकों में कॉरपोरेट टैक्स की दरों में अनुचित तरीके से कटौती की गई है और साथ ही आम लोगों पर अप्रत्यक्ष टैक्स का बोझ बढ़ाए जाने से टैक्स स्ट्रक्चर में बहुत अधिक गिरावट आई है। निष्पक्षता, समानता और औचित्य के हित में इसे ठीक किया जाना चाहिए। यहां तक कि एक प्रतिशत की सीमा के साथ सुपर-रिच पर उत्तराधिकार टैकत्स लगाने से भी बजट प्राप्तियों में भारी वृद्धि हो सकती है। कई उद्योग जगत के नेताओं ने भी सरकार से उच्च आर्थिक विकास को बनाए रखने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया था।
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रामानुज सिंह टाइम्स नाऊ नवभारत डिजिटल में बिजनेस डेस्क के इंचार्ज हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वो बिहार के खगड़िया जिले के र...और देखें

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