Dividend stocks: शेयर बाजार में डिविडेंड का मतलब होता है कि कंपनी अपने मुनाफे का एक हिस्सा शेयरधारकों के साथ बांटती है. यह रकम आमतौर पर प्रति शेयर तय की जाती है और सीधे निवेशकों के बैंक अकाउंट में भेजी जाती है. इस महीने डिफेंस सेक्टर की कई दिग्गज कंपनियां अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड देने जा रही हैं.
Dividend stocks: शेयर बाजार के निवेशकों के लिए सितंबर 2025 का महीना खास होने वाला है. इस महीने डिफेंस सेक्टर की कई दिग्गज कंपनियां अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड देने जा रही हैं.
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इस महीने जिन कंपनियों ने डिविडेंड का ऐलान किया है, उनमें मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (Mazagon Dock Shipbuilders), गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (Garden Reach Shipbuilders & Engineers, GRSE), भारत डायनेमिक्स (Bharat Dynamics), कोचीन शिपयार्ड (Cochin Shipyard) और अपोलो माइक्रो सिस्टम्स (Apollo Micro Systems) जैसी नामी कंपनियां शामिल हैं. इन कंपनियों के शेयर इस महीने एक्स-डिविडेंड डेट पर ट्रेड करेंगे.
शेयर बाजार में डिविडेंड का मतलब होता है कि कंपनी अपने मुनाफे का एक हिस्सा शेयरधारकों के साथ बांटती है. यह रकम आमतौर पर प्रति शेयर तय की जाती है और सीधे निवेशकों के बैंक अकाउंट में भेजी जाती है.
एक्स-डिविडेंड डेट वह दिन होता है जिसके बाद अगर कोई व्यक्ति कंपनी का शेयर खरीदता है, तो उसे डिविडेंड का फायदा नहीं मिलेगा. यानी इस तारीख से पहले जिन निवेशकों के पास शेयर होंगे, उन्हें ही यह डिविडेंड दिया जाएगा. इसीलिए निवेशकों के लिए यह डेट बेहद अहम मानी जाती है.
क्या है पांचों डिफेंस कंपनियों की एक्स-डिविडेंड डेट
इन कंपनियों की एक्स-डिविडेंड डेट अलग-अलग है. अपोलो माइक्रो सिस्टम्स का शेयर 8 सितंबर को एक्स-डिविडेंड होगा, जबकि कोचीन शिपयार्ड और GRSE के शेयर 12 सितंबर को एक्स-डिविडेंड होंगे. इसके बाद 19 सितंबर को मझगांव डॉक और भारत डायनेमिक्स के शेयर एक्स-डिविडेंड डेट पर पहुंचेंगे.
कौन सी कंपनी कितना डिविडेंड दे रही है?
इन डिफेंस कंपनियों ने जो डिविडेंड रकम तय की है, वह भी निवेशकों के लिए अच्छी खासी है. कोचीन शिपयार्ड इस बार ₹2.25 प्रति शेयर डिविडेंड देगी, जबकि GRSE का डिविडेंड ₹4.9 प्रति शेयर रखा गया है. मझगांव डॉक का डिविडेंड ₹2.71 प्रति शेयर और भारत डायनेमिक्स का ₹0.65 प्रति शेयर है. अपोलो माइक्रो सिस्टम्स ने ₹0.25 प्रति शेयर का डिविडेंड घोषित किया है.
डिफेंस सेक्टर में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी
हाल के वर्षों में डिफेंस सेक्टर में निवेशकों की दिलचस्पी काफी बढ़ी है. सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे अभियानों से इस सेक्टर की कंपनियों को भारी ऑर्डर्स मिल रहे हैं. भारतीय नौसेना, थल सेना और वायुसेना के लिए उपकरण और जहाज बनाने वाली कंपनियों को सरकारी सपोर्ट भी मिल रहा है.
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स और GRSE जैसी कंपनियां भारत में युद्धपोत और पनडुब्बियां बनाने में अग्रणी हैं, जबकि भारत डायनेमिक्स देश के मिसाइल प्रोग्राम का अहम हिस्सा है. कोचीन शिपयार्ड देश की सबसे बड़ी शिपबिल्डिंग कंपनी मानी जाती है. इन कंपनियों का लगातार बढ़ता मुनाफा और सरकारी ऑर्डर्स इन्हें निवेशकों के लिए लंबे समय तक मजबूत विकल्प बनाता है.
इस महीने एक्स-डिविडेंड होने वाले अन्य स्टॉक्स
डिफेंस सेक्टर के अलावा भी सितंबर 2025 में कई कंपनियां डिविडेंड देने जा रही हैं. 8 सितंबर को अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के साथ RBL बैंक, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL), टिटागढ़ रेल सिस्टम्स और HFCL जैसी कंपनियां भी एक्स-डिविडेंड होंगी. इसके बाद 10 सितंबर को एस्ट्रा माइक्रोवेव प्रोडक्ट्स, कैंपस एक्टिववियर, फोर्स मोटर्स और गुजरात स्टेट पेट्रोनट जैसी कंपनियों के शेयर एक्स-डिविडेंड होंगे.
11 सितंबर को सेंचुरी प्लाइबोर्ड्स, आईआरकॉन इंटरनेशनल, सोमानी सिरेमिक्स और टीवी टुडे नेटवर्क जैसी बड़ी कंपनियां एक्स-डिविडेंड होंगी. 12 सितंबर को कोचीन शिपयार्ड और GRSE के अलावा काजारिया सिरेमिक्स, मास्टेक और टेक्नो इलेक्ट्रिक एंड इंजीनियरिंग जैसी नामी कंपनियां भी निवेशकों को डिविडेंड देने जा रही हैं.
निवेशकों के लिए क्या रणनीति हो सकती है
अगर आप इस डिविडेंड सीजन का फायदा उठाना चाहते हैं, तो एक्स-डिविडेंड डेट से पहले शेयर खरीदने पर ध्यान दें. हालांकि केवल डिविडेंड के लिए निवेश करना हमेशा सही रणनीति नहीं होती.
शेयर बाजार में निवेश करने से पहले कंपनी की बैलेंस शीट, ऑर्डर बुक, मुनाफे का ट्रैक रिकॉर्ड और भविष्य की संभावनाओं को देखना जरूरी है. डिफेंस सेक्टर इस समय सरकारी सपोर्ट और बढ़ती डिमांड की वजह से अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, ऐसे में इस सेक्टर की कंपनियों में लंबे समय का निवेश अच्छा साबित हो सकता है.