Gold ETFs vs Silver ETFs: सोने और चांदी में जबरदस्त बढ़ोतरी जारी है। 2025 में अब तक सोने और चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिली है, जिसका सीधा लाभ इनसे जुड़े एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) को हुआ है। ईटीएफ ने अब तक 47% तक का रिटर्न दिया। क्या इसे खरीदना चाहिए या नहीं।
Gold ETFs vs Silver ETFs: पिछले एक साल में निवेश की दुनिया में एक दिलचस्प ट्रेंड देखने को मिला है। पारंपरिक रूप से जहां सोने को एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, वहीं इस बार चांदी के ETF ने उसे कड़ी टक्कर दी है। चांदी ETF कैटेगरी ने पिछले 1 साल में औसतन 47% का रिटर्न दिया है, जबकि सोने के ETF ने थोड़ा बेहतर औसतन 47.84% का रिटर्न दिया। इसका मतलब यह है कि समग्र रूप से गोल्ड और सिल्वर ETF करीब बराबरी पर हैं, जिसमें सोने को मामूली बढ़त मिली है।
सोनेऔरचांदीमेंजबरदस्ततेजी (तस्वीर-istock)
सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले फंड्स
UTI गोल्ड ETF ने करीब 49% का रिटर्न दिया है। वहीं, आदित्य बिड़ला सन लाइफ सिल्वर ETF ने 48% रिटर्न दिया है। यह साफ दिखाता है कि टॉप लेवल पर गोल्ड और सिल्वर दोनों ETFs ने करीब बराबर कमाई कर के दी है।
सिल्वर ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) एक निवेश विकल्प है जिसमें निवेशक चांदी के दाम में उतार-चढ़ाव का लाभ उठा सकते हैं, बिना चांदी को वास्तविक रूप में खरीदे। ये म्यूचुअल फंड की तरह काम करते हैं और स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड होते हैं।इनकी कीमत अंतरराष्ट्रीय चांदी की स्पॉट कीमत और एक्सचेंज रेट पर निर्भर करती है। इसके अलावा, मैनेजमेंट फीस और ट्रैकिंग एरर भी इनके रिटर्न को प्रभावित करते हैं।
गोल्ड ETF कैसे काम करता है?
गोल्ड ETF भी सिल्वर ETF की तरह ही काम करता है, फर्क सिर्फ यह है कि इसका अंडरलाइन एसेट सोना होता है। इसके यूनिट्स का मूल्य सोने की कीमत से जुड़ा होता है। इसका फायदा यह है कि निवेशक बिना ज्वेलरी या फिजिकल गोल्ड खरीदे निवेश कर सकते हैं। न तो स्टोरेज की चिंता होती है, और न ही सुरक्षा की। इसे शेयर की तरह कभी भी खरीदा या बेचा जा सकता है।
धातु की कीमतों में चांदी ने मारी बाजी
सिर्फ ETF ही नहीं, बल्कि रियल प्राइस में भी चांदी ने सोने से बेहतर प्रदर्शन किया है। पिछले एक साल में चांदी की कीमत में 54% से ज्यादा की तेजी आई है और यह फिलहाल करीब ₹1.28 लाख प्रति किलोग्राम के आसपास ट्रेड कर रही है। वहीं सोने में करीब 48% का रिटर्न रहा है और इसकी कीमत ₹1.08 लाख प्रति 10 ग्राम से ऊपर चल रही है। यह साफ दिखाता है कि हाल की तेजी में चांदी ने निवेशकों को ज्यादा फायदा पहुंचाया है।
क्या अब चांदी में निवेश करना चाहिए?
हालिया रिटर्न्स और इंडस्ट्रियल डिमांड (जैसे EVs, सोलर पैनल्स आदि) को देखते हुए, लॉन्ग टर्म के लिए चांदी एक बेहतर विकल्प हो सकती है। चांदी की कीमतों में सोने की तुलना में अधिक उतार-चढ़ाव होता है। यानी इसमें वोलैटिलिटी ज्यादा है, जिससे शॉर्ट-टर्म निवेशकों को नुकसान भी हो सकता है।
निवेशकों के लिए संदेश
अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं और जोखिम लेने की क्षमता रखते हैं, तो सिल्वर ETF आपके पोर्टफोलियो में एक अच्छा विकल्प हो सकता है। वहीं अगर आप सुरक्षित और स्थिर रिटर्न पसंद करते हैं, तो गोल्ड ETF अब भी बेहतर विकल्प बना हुआ है। कुल मिलाकर, इस बार चांदी ने सोने से ज्यादा चमक दिखाई है। लेकिन निवेश का फैसला हमेशा आपके वित्तीय लक्ष्य, जोखिम उठाने की क्षमता और समयावधि पर निर्भर करता है।