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GST कटौती से शेविंग कराने से लेकर जिम जाने का बजट घटेगा, पढ़ें पूरी डिटेल

इसके अलावा, दैनिक उपयोग की वस्तुओं जैसे हेयर ऑयल, टॉयलेट सोप बार, शैम्पू, टूथब्रश, टूथपेस्ट भी सस्ते हो सकते हैं क्योंकि इन पर कर वर्तमान 12-18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है।

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GST काउसिंल से करीब 400 प्रोडक्ट और जरूरी सेवाओं पर जीएसटी घटाने का फैसला किया है। इससे बहुत सारे जरूरी सामान की कीमत कम होगी। वहीं, कई सेवाएं पर भी इसका असर होगा। आपको जीएसटी काउंसिल ने Health Club, सैलून, नाई, फिटनेस सेंटर, योग आदि सहित सौंदर्य एवं शारीरिक कल्याण सेवाओं पर जीएसटी दर को इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के साथ 18 प्रतिशत से घटाकर बिना टैक्स क्रेडिट के पांच प्रतिशत करने से इन सेवाओं के सस्ते होने की संभावना है। नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। यानी नई दरें लागू होने के बाद आपको सेविंग कराने या जिम जाने का बजट घटने वाला है।

जिम (Istock)

शैम्पू, टूथब्रश, टूथपेस्ट भी सस्ते होंगे

इसके अलावा, दैनिक उपयोग की वस्तुओं जैसे हेयर ऑयल, टॉयलेट सोप बार, शैम्पू, टूथब्रश, टूथपेस्ट भी सस्ते हो सकते हैं क्योंकि इन पर कर वर्तमान 12-18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। टैल्कम पाउडर, फेस पाउडर, शेविंग क्रीम और आफ्टरशेव लोशन जैसी अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतों में भी कमी आएगी क्योंकि इन पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत होगा। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई दर 22 सितंबर से प्रभावी होंगी। जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में दरों को युक्तिसंगत बनाने की प्रक्रिया के तहत केंद्र एवं राज्यों ने आम आदमी द्वारा उपयोग की जाने वाली सौंदर्य व शारीरिक स्वास्थ्य सेवाओं पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने पर सहमति व्यक्त की। इसमें जिम, सैलून, नाई, योग केंद्र आदि की सेवाएं शामिल हैं।

माउथवॉश पर जीएसटी नहीं घटाया गया

इसी प्रकार माउथवॉश पर जीएसटी नहीं घटाया गया है, लेकिन टूथपेस्ट, टूथब्रश व डेंटल फ्लॉस पर कर की दर घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई है क्योंकि ये यह दांत की स्वच्छता से जुड़ी मूलभूत वस्तुएं हैं। टॉयलेट सोप बार पर कर घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है, लेकिन तरल साबुन पर कर 18 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। फेस पाउडर व शैंपू पर जीएसटी कम करने से बहुराष्ट्रीय कंपनियों एवं लक्जरी ब्रांड को लाभ होने के सवाल पर मंत्रालय ने कहा कि लगभग सभी वर्गों द्वारा दैनिक जीवन में इन वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाता है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी दर को युक्तिसंगत बनाने का उद्देश्य निम्न मध्यम वर्ग और समाज के गरीब तबके के मासिक खर्च को कम करना है।

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