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ITR Alert: रिटर्न फाइल करने के बचें हैं सिर्फ 2 दिन, अब देर नहीं करें! इस तरह झट से भरें

ITR Alert: आयकर विभाग ने शनिवार को जानकारी दी कि अब तक 6 करोड़ से अधिक करदाता अपना रिटर्न फाइल कर चुके हैं। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में तेज रफ्तार से बढ़ है और लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है।

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ITR Alert: अगर आपने अभी तक अपना आयकर रिटर्न फाइल नहीं किया है तो अब देर नहीं करें। आपके पास बिना लेट फाइन के रिटर्न भरने के लिए सिर्फ 2 दिन का समय बचा है। 15 सितंबर, 2025 के बाद आपको लेट फाइन के तौर पर जुर्माना देकर अपना रिटर्न फाइल करना होगा। इतना ही नहीं, देर से आईटीआर दाखिल करने से आपके टैक्स रिफंड में भी देरी होती है। आपको बता दें कि इस बार रिटर्न फाइल करने की डेट बढ़ने की उम्मीद बहुत ही कम है। सरकार ने पहले ही रिटर्न फाइल की अंतिम डेट 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर दिया था। ऐसे में एक बार और तारीख बढ़ाने की संभावना नहीं है। आइए आपको बताते हैं कि कैसे आप आसानी से इस बचे दो दिन में अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं।

इनकम टैक्स (Istck)

कैसे आसानी से रिटर्न फाइल करें?

टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि रिटर्न फाइल करने के लिए लास्ट मिनट का इंतजार नहीं करें। अंतिम समय में गलतियां होने का चांस अधिक होता है। जल्दबाजी में आप गलत जानकारी भर सकते हैं। इससे बचने के लिए जितनी जल्दी हो अपना रिटर्न फाइल कर दें। इनकम टैक्स पोर्टल पर पहले से भरे गए विवरण और आधार ओटीपी का उपयोग कर आप आसानी से अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं। अगर आप सीए की मदद भी ले रहे हैं तो उसे अंतिम समय तक इंतजार करने के लिए नहीं करें। अपना रिटर्न तय सीमा से पहले फाइल करें। वैसे आज के समय में तमाम ऐप भी रिटर्न फाइल की सर्विस उपलब्ध करा रहे हैं। आपको बता दें कि जो लोग 15 सितंबर की समय सीमा चूक जाते हैं, उनके लिए 31 दिसंबर, 2025 तक लेट आईटीआर दाखिल करना एक विकल्प है। हालांकि लेट फाइन और टैक्स देनदारी पर ब्याज चुकाना होता है।

5000 रुपये तक भरना होगा जुर्माना

आयकर अधिनियम में देरी से आईटीआर दाखिल करने पर जुर्माना का प्रावधान है। इनकम टैकस डिपार्टमेंट के नियम के अनुसार, अगर किसी करदाता की आय 5 लाख रुपये से अधिक है, तो धारा 234F के तहत 5,000 रुपये का लेट फाइन के तौर पर जुर्माना भरना होगा। 5 लाख रुपये से कम आय पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। धारा 234A, 234B और 234C के तहत मूल दाखिल करने की समय सीमा से लेकर वास्तविक भुगतान तक किसी भी बकाया राशि पर 1% प्रति माह का ब्याज लगाया जाता है। देर से दाखिल करने पर करदाताओं को व्यवसाय से होने वाले नुकसान, पूंजीगत लाभ, या 80-IA और 80-IB जैसी बड़ी कटौतियों को आगे ले जाने से भी रोका जाता है। इतना ही नहीं, देर से आईटीआर दाखिल करने से आपके टैक्स रिफंड में भी देरी होती है, और बेमेल रिकॉर्ड या छूटी हुई आय की जानकारी के लिए आयकर विभाग से नोटिस मिलने की संभावना अधिक होती है। 31 दिसंबर, 2025 तक विलम्बित आईटीआर विंडो के बाद भी पूर्ण रूप से फाइल न करने पर कठोर कार्रवाई हो सकती है, जिसमें बड़ी मात्रा में कर न चुकाने के मामले में अभियोजन और कारावास भी शामिल है।

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