भोपाल

भोपाल में अब दूर बैठे डॉक्टर भी कर सकेंगे सर्जरी, Bhopal AIIMS में रोबोटिक ऑपरेशन की सुविधा शुरू

एम्स भोपाल में 30 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक दा विंची रोबोटिक सर्जरी प्रणाली स्थापित की जा रही है। इस प्रणाली से डॉक्टर दूर बैठे भी सर्जरी कर सकेंगे। शुरुआती चरण में इसे यूरोलॉजी विभाग में लागू किया जाएगा, जिससे प्रोस्टेट, किडनी और ब्लैडर कैंसर जैसी जटिल सर्जरी अधिक सटीक और आसान होंगी।

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Bhopal News: भोपाल के एम्स में स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। यहां लगभग 30 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक रोबोटिक सर्जरी प्रणाली स्थापित की जा रही है। इस प्रणाली के माध्यम से डॉक्टर किसी अन्य शहर या यहां तक कि विदेश में बैठकर भी सर्जरी कर सकेंगे। यह पहल एम्स भोपाल को मध्य भारत का पहला सरकारी अस्पताल बना देगी, जहां दा विंची रोबोटिक आर्म सिस्टम की मदद से जटिल ऑपरेशन किए जाएंगे।

सांकेतिक फोटो (istock)

इस तकनीक से जटिल ऑपरेशनों में मिलेगी मदद

यूरोलॉजी विभाग में सबसे पहले इस तकनीक को लागू किया जाएगा। विभाग के डॉक्टर केतन मेहरा ने ऑस्ट्रिया से रोबोटिक सर्जरी का विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इस प्रणाली में एक कंसोल और दो रोबोटिक आर्म शामिल होंगे, जिनका संचालन डॉक्टर कंसोल से करेंगे। इसके साथ ही एक मोबाइल रोबोटिक आर्म भी होगा, जिससे दूरस्थ सर्जरी करना संभव होगा। इस तकनीक की मदद से प्रोस्टेट कैंसर, किडनी कैंसर और पेशाब की थैली के कैंसर जैसे जटिल ऑपरेशनों को अधिक सटीकता और कम समय में किया जा सकेगा।

सामान्य आंखों से अधिक संवेदनशील कैमरा

रोबोटिक आर्म का कैमरा सामान्य आंखों की तुलना में 10 गुना अधिक संवेदनशील है, जिससे डॉक्टर शरीर के बेहद बारीक हिस्सों को स्पष्ट रूप से देख पाएंगे। एम्स भोपाल के डिप्टी डायरेक्टर संदेश जैन का कहना है कि रोबोटिक सर्जरी की मांग बढ़ रही है क्योंकि बीमारियों की जटिलता भी बढ़ रही है। हाल ही में डॉ. प्रिया भावे चित्तावर ने दिल्ली से कमांड देकर भोपाल में सफलतापूर्वक हिस्टेरेक्टॉमी कर एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया, जिससे इस तकनीक की संभावनाएं और भी उजागर हुईं।

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