दिल्ली

दिल्ली सरकार ने की 'विरासत बचाओं' योजना की शुरुआत, ऐतिहासिक धरोहरों का होगा कायाकल्प

दिल्ली सरकार 'विरासत अपनाओ' योजना की शुरुआत करने जा रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य स्मारकों के संरक्षण में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत, स्मारकों को 'स्मारक मित्र' के रूप में अपनाया जाएगा। सरकार 75 स्मारकों का जीर्णोद्धार कर रही है, ताकि दिल्ली की ऐतिहासिक धरोहरों को और अधिक सुंदर और जीवंत बनाया जा सके।

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दिल्ली के पुरातत्व विभाग ने विरासत स्थलों के संरक्षण के लिए एक नई पहल, विरासत अपनाओ' की घोषणा की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के साथ-साथ स्थानीय समुदायों को ऐतिहासिक स्मारकों के रखरखाव में शामिल करना है। इस पहल का लक्ष्य दिल्ली के उन कम प्रसिद्ध स्मारकों के आस-पास आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और पर्यटन के अनुभव को बेहतर बनाना है।

दिल्ली सरकार ने की 'विरासत बचाओं' योजना की शुरुआत (फोटो - Canva)

स्मारक मित्र की भूमिका और गोलमेज सम्मेलन

इस योजना के तहत, स्मारकों को 'स्मारक मित्र' के रूप में अपनाया जाएगा। यह प्रक्रिया शुरू में पांच साल के लिए होगी और समय-समय पर इसकी समीक्षा की जाएगी। इस योजना पर चर्चा के लिए दिल्ली सचिवालय में एक गोलमेज सम्मेलन भी आयोजित किया गया, जिसमें यूनेस्को, डालमिया समूह और आगा खान ट्रस्ट जैसे कई प्रमुख संगठनों ने भाग लिया।

संरक्षण और सांस्कृतिक विकास

दिल्ली के कला एवं संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा ने बताया कि दिल्ली में 8वीं से 19वीं शताब्दी तक के कई ऐतिहासिक स्मारक हैं, जिनमें भूली भटियारी का महल, मालचा महल और दारा शिकोह पुस्तकालय जैसे स्थल शामिल हैं, जिनका ठीक से रखरखाव नहीं हो सका है। इस योजना के माध्यम से, सरकार इन धरोहरों को और अधिक सुंदर और जीवंत बनाना चाहती है। इसके अलावा, सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजन से दिल्ली के कलाकारों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा।

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