दिल्ली

दिल्ली पुलिस में बड़ा बदलाव, अब प्रदर्शन बनेगा पहचान; SHO पद पर लम्बी तैनाती की राह साफ

दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने थाना प्रभारियों के कार्यकाल को लेकर बड़ा बदलाव किया है। अब जो इंस्पेक्टर अपने क्षेत्र में बेहतर कानून व्यवस्था बनाए रखेंगे, उन्हें लंबे समय तक उसी थाने में तैनात रहने का अवसर मिलेगा। इससे पहले पहले तीन साल के कार्यकाल की सीमा तय थी।

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Delhi Police: दिल्ली पुलिस में एक अहम प्रशासनिक बदलाव किया गया है, जिससे पुलिस व्यवस्था में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। नए पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने निर्णय लिया है कि यदि कोई इंस्पेक्टर अपने क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखता है और पुलिस आयुक्त की अपेक्षाओं पर खरा उतरता है, तो वह लंबे समय तक थाना प्रभारी के पद पर बना रह सकेगा।

सांकेतिक फोटो (iStock)

तीन साल के कार्यकाल की सीमा खत्म

अब तक पुलिस विभाग में थाना प्रभारियों का कार्यकाल तीन साल तक सीमित था। यह नियम 2021 में विशेष आयुक्त सुंदरी नंदा के सुझाव पर लागू किया गया था, जिसे बाद में पूर्व पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने भी अपनाया। लेकिन इस नीति से कई समस्याएं पैदा हो गई थीं। तय समयसीमा के कारण इंस्पेक्टरों को जल्दबाज़ी में हटाया जाने लगा, जिससे न केवल प्रशासनिक अस्थिरता बढ़ी, बल्कि कई बार कानून व्यवस्था की अनदेखी भी हुई।

14 थानों में थाना प्रभारी नहीं

नए इंस्पेक्टरों को क्षेत्र समझने और प्रभावी कार्य करने में समय लगता है। लेकिन कार्यकाल समाप्त होते ही उन्हें बदल दिया जाता था, जिससे वर्तमान में 14 थाने खाली पड़े हैं। इन थानों में अब अनुभवी अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा। इस नई नीति से न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगने की उम्मीद है, बल्कि इससे पुलिस कार्य में निरंतरता और जवाबदेही भी सुनिश्चित की जा सकेगी। यह निर्णय दिल्ली पुलिस की कार्यशैली में एक सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा करता है।

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