लखनऊ

लखनऊ RTO की अनोखी पहल; दफ्तर की 5 हजार किलो पुरानी फाइलें होंगी रिसाइकिल, बनेगा नया कागज

लखनऊ के आरटीओ कार्यालय ने अब बेकार और सड़ रही फाइलों को कूड़े में फेंकने के बजाय उपयोगी बनाने की एक नई पहल शुरू की है। कार्यालय में वर्षों से जमा लगभग 5000 किलो पुरानी फाइलों को एक पेपर मिल को सौंपा गया है, जहां इन्हें रिसाइकिल करके नए कागजों में बदला जाएगा।

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Lucknow News: लखनऊ के RTO दफ्तर ने वर्षों से जमी धूल खा रही फाइलों को अब कूड़े की तरह फेंकने के बजाय उपयोगी बनाने की अनोखी पहल की है। कार्यालय परिसर में पड़ी करीब 5 हजार किलो पुरानी और बेकार फाइलों को अब एक पेपर मिल को भेजा गया है, जहां इन्हें रिसाइकिल कर नया कागज तैयार किया जाएगा। इन दस्तावेजों में ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन परमिट, रजिस्ट्रेशन और ट्रांसफर से जुड़ी पुरानी फाइलें शामिल थीं जो अब अपने उद्देश्य की पूर्ति कर चुकी थीं। आरटीओ प्रशासनिक अधिकारी प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि यह पहल परिवहन आयुक्त वीएन सिंह के निर्देश पर शुरू की गई है।

धूल खा रही फाइलें फिर बनेंंगी कागज (सांकेतिक तस्वीर | iStock)

78 हजार की होगी आय

इस रद्दी को पेपर मिल को देने के बदले दफ्तर को 78,000 रुपये की आय भी हुई है। पहले इन फाइलों को कबाड़ में बेच दिया जाता था, लेकिन इस बार शर्त रखी गई कि इनका उपयोग केवल रिसाइकलिंग के लिए ही किया जाएगा। इससे ना सिर्फ कागज दोबारा उपयोग में आएगा, बल्कि यह प्रक्रिया पेड़ों की कटाई को भी कम करने में सहायक होगी।

जगह भी खाली, पर्यावरण भी सुरक्षित

आरटीओ दफ्तर की इस पहल से कार्यालय में बहुमूल्य स्थान खाली हुआ है और दस्तावेजों के ढेर से निजात भी मिली है। साथ ही यह कदम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अहम प्रयास बन गया है। रिसाइकल किए गए कागज का उपयोग सरकारी कार्यों में फिर से किया जा सकेगा, जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित होगा।

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