पटना

क्या होता है गुरु से बिछड़ने का दर्द? प्रिंसिपल साहब के फेयरवेल का वीडियो कर देगा इमोशनल

बिहार के मोतिहारी में प्रिंसिपल के ट्रांसफर के बाद विदाई के दौरान स्कूल के बच्चे काफी भावुक हो गए, बच्चे शिक्षक के स्थानांतरण की रोक की मांग करते नजर आए। ग्रामीणों और बच्चों का स्नेह और लगाव देख शिक्षक की भी आंखें भर आईं।

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मोतिहारी : शिक्षक और छात्र का रिश्ता दुनिया में सबसे खास होता है। छात्र शिक्षक में अपने माता-पिता की छवि देखते हैं। ऐसे में अगर, विद्यार्थी अपने शिक्षक से बिछुड़ते हैं, उन्हें काफी पीड़ा होती है। ऐसा ही एक दृश्य बिहार के पूर्वी चंपारण में सुगौली नगर के पवरिया टोला गांव स्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय उर्दू से सामने आया। यहां स्कूल के प्रिंसिपल का ट्रांसफर होने के बाद उनके विदाई पर ग्रामीणों के साथ विद्यालय के बच्चे फूट-फूट कर रोने लगे। छात्र-छात्राओं और ग्रामीणों के अपने प्रति सम्मान और लगाव का भाव देख प्रधानाध्यापक भी भावुक हो गए। उनकी आंखे भी नम हो गईं और विद्यालय में काफी देर तक भावनाओं का ज्वार बहता रहा।

मोतिहारी में प्रधानाचार्य का इमोशनल फेयरवेल

ग्रामीणों ने परिवार की तरह दिया प्यार- प्रधानाध्यापक

दरअसल, शिक्षक मधुरेंद्र कुमार सुगौली के पवरिया टोला स्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय उर्दू में लगभग ग्यारह वर्ष से बतौर प्रभारी प्रधानाध्यापक तैनात थे। उन्होंने विद्यालय के छात्र-छात्राओं के बेहतरी के लिए कई कार्य किए और उन्हें अपने घर के बच्चों की तरह पढ़ाना शुरू किया, जिस कारण विद्यालय के बच्चों के अलावा ग्रामीणों के बीच भी वह लोकप्रिय हो गए। बच्चों का मधुरेंद्र कुमार के प्रति एक अलग लगाव हो गया। यही कारण है कि जब उनका ट्रांसफर हुआ तो उनके विदाई के समय भावुकता का माहौल रहा।

शिक्षक मधुरेंद्र कुमार ने बताया कि मैंने विद्यालय के बच्चों के अलावा यहां के लोगों के साथ परिवार की तरह व्यवहार किया। यहां के लोगों ने भी अपने परिवार की तरह मुझे समझा। हालांकि, बच्चे प्रधानाध्यापक के ट्रांसफर को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।

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