पटना

आरा : 'कटती ज़मीन, उजड़ते सपने, गंगा के आगोश में गांव; भीषण बाढ़ से तबाही का मंजर

बिहार के आरा जिले में प्रवाहित गंगा नदी उफान पर है, जिसकी जद में तराई क्षेत्र के कई गांव आ चुके हैं। तेज बहाव के कारण हो रहे कटाव से कई गांव के गांव पानी में समा गए हैं। लोगों का कहना है 'अब न घर बचा है और न कोई उम्मीद'।

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आरा : पहाड़ों और मैदानी इलाकों में तेज मानसूनी बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है। खासकर, गंगा नदी अपने साथ भारी मात्रा में पानी लेकर बह रही है, जिससे तराई के इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं। इसका असर यूपी से लेकर बिहार तक है। ताजा तस्वीरें बिहार के आरा जिले से सामने आई हैं, जहां गंगा नदी का पानी खेतों-खलिहानों से आगे बस्ती तक पहुंच गया है। उधर, भोजपुर जिले के शाहपुर प्रखंड का जवइनिया गांव बाढ की चपेट में आकर अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है। आंखों के सामने टूटते घर, बहते मंदिर और उखड़ते पेड़ ग्रामीणों के सपनों को चोट पहुंचा रहे हैं।

आरा में गंगा उफान पर

गंगा उफान पर

दरअसल, इन दिनों पहाड़ी क्षेत्रों के साथ उत्तर प्रदेश और बिहार में मानसूनी बारिश का दौर जारी है, जिससे गंगा उफान पर है। खासकर निचले क्षेत्रों में कई दिनों से बाढ़ जैसे हालात हैं। गंगा का पानी कई गांवों को टच कर गया है और तबाही मचा रहा है। कई गांव जलमग्न हो चुके हैं। कई घर ध्वस्त हो चुके हैं, जिससे लोग बेघर गए हैं।

नदी के पानी से कटवा इतना अधिक है कि कई तराई क्षेत्रों में बसे गांव, मंदिर और पेड़ पानी में समा गए हैं। सरकार की ओर से कटाव रोधी कार्य फेल साबित हो रहे हैं। गांव के लोगों में भयभीत हैं। बाढ़ की आशंका के चलते लोग अपने घरों को तोड़कर ईंटें बचाने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं।

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