वाराणसी

काशी में गंगा घाटों पर 'वॉटर कर्फ्यू', रिहायशी इलाकों में बाढ़ का खतरा गहराया

वाराणसी पर एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।। एक महीने के अंदर तीसरी बार गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है।
VARANASI.

वाराणसी पर एक बार फिर से बाढ़ का खतरा (फोटो - टाइम्स नाउ नवभारत)

वाराणसी : वाराणसी पर एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।। एक महीने के अंदर तीसरी बार गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। गंगा के रौद्र रूप को देख रिहायशी इलाकों में लोगों की धड़कनें बढ़ने लगी है। वाराणसी में गंगा प्रतिघंटे पांच सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही है। फिलहाल गंगा का जलस्तर लगभग 70 मीटर के आसपास है, जो खतरे के निशान से सिर्फ डेढ़ मीटर नीचे हैं।

घाटों पर वॉटर कर्फ्यू सा नजारा

वाराणसी के सभी चौरासी घाटों पर इन दिनों वॉटर कर्फ्यू सा नजारा दिख रहा है। घाट की सीढ़ियां, छोटे बड़े मंदिर जलमग्न हैं। सामने घाट से लेकर नमो घाट तक आपस का संपर्क टूट चुका है। बाढ़ की वजह से घाटों पर रहने वालों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। बाढ़ की सबसे बड़ी मार नाविकों पर पड़ी है। पिछले दो महीनों से गंगा में नौका संचालन पूरी तरह बंद हैं। यही हाल पण्डो का भी है। पण्डो ने अपनी चौकियां घाट के ऊपरी हिस्से में लगा ली है। घाटों पर होने वाली गंगा आरती का भी जगह बदल दिया गया है। घरों की छतों पर सीमित संख्या के साथ आरती हो रही है। शवदाह करने वाले लोगों को भी तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मणिकर्णिका घाट पर छतों पर अंतिम संस्कार किया जा रहा है।

सितंबर में बढ़ेगी मानसून की सक्रियता

आने वाले दिन पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों के लिए मुश्किल भरे हो सकते हैं। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक 30 अगस्त से मानसून और सक्रिय हो जाएगा और इसके बाद सितंबर में जोरदार बारिश की आशंका है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक 30 अगस्त से परिस्थितियों अनुकूल होने पर प्रदेश में वर्षा की तीव्रता में बढ़ोतरी होने के साथ ही प्रदेश में भारी वर्षा होने की संभावना बन रही है। हालांकि इस सप्ताह आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और कई बार बारिश या गरज के साथ बहुत बौछारें भी पड़ सकती हैं।

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