शहर

कहां है वो शहर, जहां पत्थर बनी देवी अहिल्या को मिली थी मुक्ति

Ahilya Asthan: रामायण काल से जुड़े शहर आज भी भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित है। इन्हीं में एक ऐसा शहर है, जहां देवी अहिल्या को श्राप से मुक्ति मिली थी। आइए, आज हम उस शहर के बारे में जानते हैं कि देश के किस हिस्से में वह स्थित है।
ahilya sthan

फाइल फोटो।

Ahilya Asthan: रामायण काल में कई छोटी-बड़ी घटनाएं हुई हैं। इनके साक्ष्य आज भी मिलते हैं। इन्हीं में से एक घटना थी देवी अहिल्या का पत्थर बन जाना। आज हम आपको Know Your City सेगमेंट के तहत इस स्टोरी में बताएंगे कि आखिर वह शहर कहां है, जहां पर देवी अहिल्या को पत्थर बनना पड़ गया था और उन्हें मुक्ति कैसे मिली थी। आपको बता दें कि रामायण में यह एक बड़ी घटना थी, जिसका जिक्र बार-बार किया जाता है। आज उस स्थान पर देवी अहिल्या के मंदिर बने हैं, लोग वहां पूजा करने जाते हैं और वहां की कई सारी धार्मिक मान्यताएं हैं। आइए, जानते हैं कि आखिर वह शहर कहां है।

कहां है वह शहर?

जिस जगह पर देवी अहिल्या श्रापित हुई थी और पत्थर में बदल गई थी, जिन्हें बाद में मुक्ति मिली थी, उस स्थान को आज देवी अहिल्या स्थान के नाम से जाना जाता है। यह स्थान बिहार के दरभंगा जिले में स्थित है। दरभंगा जिले के कमतौल के अहियारी गांव में अहिल्या स्थान स्थित है। इस स्थान का जिक्र वाल्मीकि रामायण और ब्रह्म पुराण में मिलता है। धार्मिक मान्यता है कि इसी स्थान पर भगवान राम ने देवी अहिल्या का उद्धार किया था और उन्हें पत्थर से मुक्ति दिलाई थी। यह स्थान माता सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी से सिर्फ 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, गौतम ऋषि के श्राप से देवी अहिल्या पत्थर बन गई थी। जब भगवान राम जनकपुर जा रहे थे, तब उन्होंने पत्थर बनी देवी अहिल्या का उद्धार किया था। जनकपुर जाने के क्रम में भगवान राम ने ऋषि विश्वामित्र की आज्ञा के बाद अपने चरण से देवी अहिल्या को मुक्ति दिलाई थी। उनके स्पर्श मात्र से ही पत्थर बनी अहिल्या में जान आ गई।

कौन थी देवी अहिल्या?

धार्मिक कथा के अनुसार, जो जगह आज अहिल्या स्थान के नाम से जाना जाता है। वहां रामायण काल में महर्षि गौतम का आश्रम हुआ करता था। देवी अहिल्या महर्षि गौतम की पत्नी थी। वह दोनों इसी आश्रम में रहते थे और तपस्या करते थे। मान्यता है कि देवी अहिल्या ब्रह्माजी की मानस पुत्री थी।

कैसे श्रापित हुई थी देवी अहिल्या?

कहा जाता है कि एक बार महर्षि गौतम आश्रम में नहीं थे और इसी दौरान इंद्र देव उनके आश्रम में पहुंचे। आश्रम में सिर्फ देवी अहिल्या थी। इंद्र देव ने महर्षि गौतम का रूप धारण कर लिया था, जिस वजह से देवी अहिल्या उन्हें महर्षि गौतम समझ बैठी। तभी असली महर्षि गौतम आश्रम में आए, तो उन्होंने इंद्र को देखा, जिसके बाद वह गुस्सा हो उठ और इंद्र देवता को श्राप दे दिया। साथ ही बिना कुछ सोचे समझे उन्होंने अपनी पत्नी देवी अहिल्या को भी श्राप दे दिया और श्राप के बाद से देवी अहिल्या पत्थर में बदल गई।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। शहर (Cities News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

Devshanker Chovdhary author

देवशंकर चौधरी मार्च 2024 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं और बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। टाइम्स नाउ सिटी टीम में वह इंफ्रा...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited