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Maharana Pratap Jayanti 2025: महाराणा प्रताप जयंती पर ऐसे लिखें दमदार निबंध और भाषण, शरीर में भर जाएगा जोश और जुनून

Maharana Pratap Jayanti 2025 Essay, Speech, Nibandh in Hindi: माँ भारती के अमर सपूत, स्वाधीनता के कालजयी स्वर, त्याग व बलिदान की उज्ज्वल कीर्ति पताका, 'हिंदुआ सूर्य' वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की आज पावन जयंती है। स्वदेश, स्वधर्म और स्वाभिमान के लिए अपना सर्वस्व अर्पित करने वाले महाराणा भारत के महानायक-जननायक हैं।

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Maharana Pratap Jayanti 2025 Essay, Speech, Nibandh in Hindi: माँ भारती के अमर सपूत, स्वाधीनता के कालजयी स्वर, त्याग व बलिदान की उज्ज्वल कीर्ति पताका, 'हिंदुआ सूर्य' वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की आज पावन जयंती है। स्वदेश, स्वधर्म और स्वाभिमान के लिए अपना सर्वस्व अर्पित करने वाले महाराणा भारत के महानायक-जननायक हैं। इस अवसर पर स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में आप निबंध लिखकर और भाषण देकर महाराणा प्रताप की शौर्य गाथा का बखान कर सकते हैं। नीचे हम आपको बता रहे हैं कि महाराणा प्रताप जयंती पर दमदार भाषण और निबंध कैसे तैयार कर सकते हैं।

Maharana Pratap Jayanti 2025

Maharana Pratap Jayanti 2025 Essay

आज बेहद हर्ष का विषय है कि अद्भुत, अदम्य, अद्वितीय साहस के प्रतिबिम्ब, शूरवीर योद्धा महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर शौर्य की उस प्रतिमूर्ति को याद करने के लिए एकजुट हैं जिसने मातृभूमि की रक्षा हेतु अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। दुश्मन भी ज‍िनके युद्ध-कौशल के कायल थे, महाराणा प्रताप ऐसे योद्धा थे जिन्‍होंने मुगल शासक अक‍बर का भी घमंड चूर किया था।

1576 में हल्दी घाटी में अकबर और महाराणा प्रताप के बीच युद्ध हुआ। इस युद्ध में अकबर के 85 हजार और प्रताप के केवल 20 हजार सैनिक थे। इसके बावजूद प्रताप ने अकबर को धूल चटा दिया था। प्रताप का पराक्रम ऐसा था कि उनकी मृत्यु पर उनकी बहादुरी को याद कर अकबर भी रो पड़ा था। महाराणा प्रताप के शौर्य की गाथा हल्दी घाटी आज भी गाती है। आज भी जब हल्दी घाटी जाते हैं तो उस मिट्टी से मस्तक पर तिलक लगाते हैं। महाराणा प्रताप ने मुगलों के बार-बार हुए हमलों से मेवाड़ की रक्षा की। उन्‍होंने अपनी आन बान और शान के लिए कभी समझौता नहीं किया। व‍िपरीत परिस्थिति में भी कभी हार नहीं मानी। यही वजह है क‍ि महाराणा प्रताप की वीरता के आगे किसी की भी कहानी ट‍िकती नहीं है।

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