इजरायल और अमेरिका के हमले का लक्ष्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करना था, ये हमले ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए हुए लेकिन यदि ईरान का 400 किलोग्राम संवर्धित यूरेनियम यदि सुरक्षित है तो वह आगे चलकर अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ा सकता है। इस लिहाज से देखें तो इजरायल और अमेरिका दोनों अपने लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए हैं। बताया जा रहा है कि 400 किलोग्राम यूरेनियम 60 प्रतिशत तक संवर्धित है।
Iran 400kg Uranium : ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर लागू होने से दोनों देशों के बीच युद्ध तो रुक गया है लेकिन तेहरान के 400 किलोग्राम संवर्धित यूरेनियम को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। रिपोर्टों में दावा किया गया है कि अपने परमाणु संयंत्रों पर हमलों से पहले ही ईरान ने अपने संवर्धित यूरेनियम को वहां से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया। इस दावे में गंभीरता इसलिए भी ज्यादा हो जाती है क्योंकि अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने ABC न्यूज चैनल से बातचीत में इसकी पुष्टि की। वेंस ने कहा कि ईरान के तीन परमाणु संयंत्रों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर अमेरिकी हवाई हमले किए लेकिन 60 प्रतिशत तक संवर्धित 400 किलोग्राम संवर्धित यूरेनियम कहां है, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर लागू।
इससे 10 परमाणु बम बनाए जा सकते हैं
उन्होंने कहा कि इस यूरेनियम से 10 परमाणु हथियार बनाए जा सकते हैं। समझा जाता है कि संयंत्रों पर हमलों से पहले ईरान ने इसे किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाकर छिपा दिया। इस बातचीत के दौरान वेंस ने कहा कि अमेरिकी हमलों में ईरान के परमाणु संयंत्र 'बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए या उन्हें एक तरह से मिटा दिया गया', फिर भी उन्हें 'संदेह' है। इजरायली खुफिया ने भी संकेत दिया कि हो सकता है कि ईरान ने हमलों से पहले यूरेनियम को स्थानांतरित किया हो। इससे स्थिति और जटिल हो गई है। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने ईरान के परमाणु संयंत्रों की तत्काल निरीक्षण की अपील की है। इस बीच गायब यूरेनियम को लेकर अमेरिका और इजरायल दोनों जगह चिंताएं देखी जा रही हैं। इस आशंका और चिंता बीच ईरान के साथ बातचीत भी होनी है।
कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा गया कि अमेरिकी हमलों से पहले ली गई सैटेलाइट तस्वीरों में फोर्डो परमाणु सुविधा के बाहर 16 ट्रकों का काफिला दिखाई दिया था, जो एक पहाड़ के अंदर बनाया गया एक भारी किलेबंद स्थल है और मिसाइल हमलों से लगभग सुरक्षित माना जाता है।
परमाणु हथियार के लिए 90 प्रतिशत संवर्धन जरूरी
दरअसल, इजरायल और अमेरिका के हमले का लक्ष्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करना था, ये हमले ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए हुए लेकिन यदि ईरान का 400 किलोग्राम संवर्धित यूरेनियम यदि सुरक्षित है तो वह आगे चलकर अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ा सकता है। इस लिहाज से देखें तो इजरायल और अमेरिका दोनों अपने लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए हैं। बताया जा रहा है कि 400 किलोग्राम यूरेनियम 60 प्रतिशत तक संवर्धित है, और इसके 90 प्रतिशत तक संवर्धित हो जाने पर उसका इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने में किया जा सकता है। तो क्या यह माना जाए कि ईरान और इजरायल के बीच यह अस्थायी सीजफायर हुआ है। लापता 400 किलोग्राम यूरेनियम को नष्ट करने के लिए इजरायल आगे ईरान पर यदि हमला करता है तो इसमें हैरानी नहीं होनी चाहिए।
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ईरान के साथ होने जा रही बातचीत
अमेरिकी अधिकारियों ने गायब यूरेनियम को स्वीकार किया है और संकेत दिया है कि आने वाले हफ्तों में ईरान के साथ इसके भविष्य के बारे में चर्चाएं होंगी। वांस ने कहा, 'हम आने वाले हफ्तों में यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे कि हम उस ईंधन के साथ कुछ करें, और यह उन चीजों में से एक है जिनके बारे में हम ईरानियों के साथ बातचीत करने जा रहे हैं।' उन्होंने जोर दिया कि यदि ईरान प्रतिशोध करने का निर्णय लेता है तो अमेरिका भारी बल के साथ जवाब देगा।
एनपीटी से बाहर निकलने की ईरान ने दी है धमकी
हमलों के तुरंत बाद ईरान ने परमाणु-अप्रसार संधि से बाहर निकलने की धमकी दी है। ईरान के उप विदेश मंत्री तख्त रवांची ने कहा है कि 'कोई हमें नहीं बता सकता कि हमें क्या करना चाहिए।' यह संकेत है कि तेहरान अब पश्चिमी देशों के किसी भी गाइडलाइन को मानने के लिए तैयार नहीं है। ईरान अब खुले तौर पर कह रहा है कि अगर उसकी संप्रभुता और सुरक्षा के साथ समझौता किया गया, तो वह अपने कार्यक्रम को और तेजी से आगे बढ़ाएगा। यही वजह है कि संवर्धित यूरेनियम के गायब होने की खबर ने दुनिया भर की खुफिया एजेंसियों को हाई अलर्ट पर ला दिया है।
...तो फिर परमाणु हथियार विकसित करेगा ईरान?
जाहिर है कि अमेरिका और इजरायल के इन हमलों ने ईरान को नुकसान पहुंचाया है। परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाने की उसकी क्षमता को नुकसान पहुंचा है लेकिन 400 किलोग्राम संवर्धित यूरेनियम यदि उसके पास सुरक्षित रहेगा तो वह आज नहीं तो आने वाले समय में परमाणु हथियार विकसित करने की अपनी योजना पर वह आगे बढ़ेगा। अभी अंतरराष्ट्रीय दबावों और युद्ध के हालात से बाहर निकलने के लिए वह बातचीत की मेज पर आ सकता है। इससे उसे थोड़ी राहत मिलेगी। इस समय का उपयोग वह अपने नुकसान पहुंचे परमाणु संयंत्रों को दोबार ठीक करने में कर सकता है। एक बार चीजें पटरी पर आने के बाद वह दोबारा यूरेनियम को संवर्धित करने और परमाणु हथियार बनाने के रास्ते पर आगे बढ़ सकता है। ऐसा होने पर इजरायल के साथ उसका टकराव फिर बढ़ जाएगा।