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मत बदलना नहीं, बल्कि मन बदलना है समझदारी, नई स्टडी ने बताया सोच और माइंड के लिए फायदेमंद

How Changing Your Mind Is Often A Good Thing: हाल ही में दिमाग की एक्टिविटी को लेकर हुई एक स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिसर्च में खुलासा हुआ है कि बार-बार सोच बदलना कमजोरी नहीं बल्कि समझदारी है। ऐसा करने से दिमाग ज्यादा शार्प होता है और निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होती है। चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं....

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How Changing Your Mind Is Often A Good Thing: अक्सर हम सुनते हैं कि बार-बार मन बदलना या फैसले बदलना किसी इंसान की कमजोरी है। लोग मानते हैं कि जो व्यक्ति राय बदलता है, वह भरोसेमंद नहीं होता। लेकिन हाल ही में क्वीन्सलैंड ब्रेन इंस्टिट्यूट (University of Queensland) द्वारा की गई रिसर्च ने इस सोच को गलत साबित किया है। स्टडी में पाया गया कि सोच बदलना न केवल दिमाग की एक्टिविटी को बढ़ाता है, बल्कि ब्रेन को ज्यादा शार्प और फ्लेक्सिबल बनाता है। यह हमारे डिसीजन-मेकिंग स्किल्स और प्रॉब्लम सॉल्विंग एबिलिटी को भी मजबूत करता है। आइए जानते हैं इस रिसर्च से जुड़े कुछ अहम पहलू।

How Changing Your Mind Is Often A Good Thing

बदलती सोच से दिमाग की एक्टिविटी होती है मजबूत

स्टडी के मुताबिक, जब इंसान अपना मन बदलता है तो ब्रेन के न्यूरॉन्स अधिक सक्रिय हो जाते हैं। यह एक्टिविटी हमारी मेमोरी और सोचने की क्षमता को तेज करती है। यानी राय बदलना दिमाग को ट्रेनिंग देने जैसा असर करता है।

नई सोच लाती है क्रिएटिविटी और नए आइडिया

अगर हम हर समय एक ही सोच पर टिके रहें तो नए आइडिया आने बंद हो जाते हैं। रिसर्चर्स का मानना है कि मन बदलना दिमाग को अलग-अलग दृष्टिकोण से सोचने के लिए प्रेरित करता है। इसका सीधा असर हमारी क्रिएटिविटी और इनोवेशन पर पड़ता है।

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