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फैटी लिवर का इलाज अब आसान, नया इंजेक्शन बना उम्मीद की किरण, रिसर्च में साबित हुआ असरदार

A New Injection Shows Promise For Treatment Of Fatty Liver: फैटी लिवर और एम.ए.एस.एच (MASH) जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज अब आसान हो सकता है। नई रिसर्च में सामने आया है कि आयोन 224 (ION224) नाम का इंजेक्शन लीवर की सूजन और फाइब्रोसिस को कम करने में असरदार साबित हो रहा है। जानें कैसे ये दवा फैटी लिवर के मरीजों के लिए उम्मीद की किरण बनी है।
A New Injection Shows Promise For Treatment Of Fatty Liver

A New Injection Shows Promise For Treatment Of Fatty Liver

तस्वीर साभार : iStock

A New Injection Shows Promise For Treatment Of Fatty Liver: आज के समय में फैटी लिवर (Fatty Liver) एक आम लेकिन खतरनाक बीमारी बन चुकी है। अगर इसे लंबे समय तक नजरअंदाज किया जाए तो यह मेटाबॉलिक डिसफंक्शन-असोसिएटेड स्टेटोहेपेटाइटिस (Metabolic Dysfunction-Associated Steatohepatitis – MASH) में बदल सकती है, जो आगे चलकर लीवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis) और यहां तक कि कैंसर तक का कारण बन सकती है। अब इस गंभीर समस्या के इलाज के लिए वैज्ञानिकों ने नई उम्मीद जगाई है। हाल ही में हुए आयोन 224 (ION224) फेज-2 क्लिनिकल ट्रायल में यह इंजेक्शन लीवर की सूजन (Liver Inflammation) और फाइब्रोसिस (Fibrosis) को कम करने में असरदार साबित हुआ है। शुरुआती नतीजों से संकेत मिलता है कि यह दवा फैटी लिवर और एमएएसएच (MASH) के इलाज में एक बड़ी सफलता बन सकती है।

फैटी लिवर के लिए नई उम्मीद

रिसर्च में सामने आया है कि आयोन 224 (ION224) नाम की दवा, जिसे इंजेक्शन के रूप में दिया जाता है, फैटी लिवर के मरीजों के लिए बेहद असरदार हो सकती है। यह दवा खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिनके लीवर में फैट जमा होने की वजह से सूजन और ऊतक (Tissue) को नुकसान पहुंच रहा है।

फेज-2 ट्रायल के नतीजे

आयोन 224 का फेज-2 ट्रायल करीब 197 मरीजों पर किया गया। 48 हफ्तों तक यह दवा दी गई, जिसके बाद मरीजों में लीवर की सूजन और फाइब्रोसिस (Fibrosis) में काफी सुधार देखा गया। वहीं, जिन मरीजों को प्लेसिबो (Placebo – नकली दवा) दी गई, उनमें ऐसा असर नहीं दिखा।

एमएएसएच (MASH) मरीजों के लिए राहत

एमएएसएच फैटी लिवर का गंभीर रूप है। इसमें लीवर में लगातार सूजन और फाइब्रोसिस बढ़ता जाता है। रिसर्च से साबित हुआ है कि आयोन 224 इस स्थिति को काफी हद तक नियंत्रित कर सकता है, जिससे मरीजों को भविष्य में लीवर सिरोसिस और लीवर ट्रांसप्लांट जैसी गंभीर परिस्थितियों से बचाया जा सकता है।

सुरक्षित और असरदार दवा साबित हुई

ट्रायल के दौरान यह दवा सुरक्षित पाई गई। डॉक्टरों ने बताया कि इसके साइड इफेक्ट्स बहुत हल्के और अस्थायी थे। इससे यह साफ है कि फैटी लिवर और एमएएसएच जैसी बीमारियों के लिए यह दवा लंबे समय तक इलाज में इस्तेमाल की जा सकती है।

विशेषज्ञों की राय

रिसर्च से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में आयोन 224 फैटी लिवर और एमएएसएच के लिए स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट का हिस्सा बन सकता है। हालांकि अभी और बड़े पैमाने पर ट्रायल किए जाएंगे ताकि इसके असर को पूरी तरह से परखा जा सके।

निष्कर्ष

फैटी लिवर आजकल हर उम्र में तेजी से फैल रही समस्या है, जो आगे चलकर गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। लेकिन आयोन 224 नामक यह नया इंजेक्शन मरीजों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। शुरुआती नतीजे बेहद पॉजिटिव हैं और अगर आगे के ट्रायल भी सफल रहते हैं, तो फैटी लिवर और एमएएसएच का इलाज अब और आसान हो जाएगा।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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Vineet author

विनीत टाइम्स नाऊ नवभारत डिजिटल में फीचर डेस्क के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़े हैं। वे मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले हैं। इन्हें हेल्थ, फिटनेस और न्य...और देखें

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