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हेल्थ

जोड़ों का दर्द बना जी का जंजाल, उठना-बैठना भी हुआ मुश्किल, चुटकियों में राहत दिलाएंगे ये असरदार आयुर्वेदिक नुस्खे

Joint Pain Ayurvedic Treatment: क्या जोड़ों का दर्द आपकी जिंदगी मुश्किल बना रहा है? उठना-बैठना, चलना-फिरना भी परेशानी पैदा कर रहा है? जानिए असरदार आयुर्वेदिक नुस्खे जो दर्द और सूजन दोनों को कम करते हैं। पंचकर्म, योग, प्राणायाम और आयुर्वेदिक औषधियों की मदद से पाएं दर्द से चुटकारा और फिर से जीएं सेहतमंद जीवन।

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Joint Pain Ayurvedic Treatment: आजकल जोड़ों का दर्द सिर्फ बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कम उम्र के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। उठना-बैठना मुश्किल हो जाता है, सीढ़ियां चढ़ने-उतरने में परेशानी होती है और कई बार तो नींद तक हराम हो जाती है। डॉक्टरों के अनुसार, लगातार गलत खानपान, पाचन की कमजोरी और शरीर में जमा होने वाले विषैले तत्व इसकी बड़ी वजह हैं। आयुर्वेद में इसे "आमवात" और "वातरक्त" कहा जाता है, जो काफी दर्दनाक और परेशान करने वाली स्थिति होती है। अच्छी बात यह है कि आयुर्वेदिक इलाज से न केवल दर्द पर काबू पाया जा सकता है, बल्कि बीमारी की जड़ पर भी असर होता है। आइए जानते हैं कुछ असरदार आयुर्वेदिक नुस्खे, जो आपकी परेशानी को कम कर सकते हैं।

Joint Pain Ayurvedic Treatment

Joint Pain Ayurvedic Treatment

पाचन शक्ति सुधारना है सबसे पहला कदम

आयुर्वेद के मुताबिक, जब भोजन ठीक से नहीं पचता तो उसका अपशिष्ट “आम” बनकर शरीर में जमा हो जाता है। यही आम जब वात दोष के साथ मिलकर जोड़ों में रुकावट और सूजन पैदा करता है। डॉक्टरों का मानना है कि सबसे पहले रोगी के पाचन तंत्र को दुरुस्त करना जरूरी है। इसके लिए दीपन-पाचन औषधियां जैसे त्रिकटु और हिंग्वाष्टक चूर्ण का सेवन किया जा सकता है।

पंचकर्म से बाहर निकलेंगे टॉक्सिन

आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार, शरीर में जमा टॉक्सिन को बाहर निकालना जरूरी है। इसके लिए पंचकर्म चिकित्सा बेहद असरदार मानी जाती है। इसमें स्नेहन (तेल मालिश), स्वेदन (भाप चिकित्सा), वमन और विरेचन जैसी प्रक्रियाएं अपनाई जाती हैं। ये न केवल शरीर को हल्का बनाती हैं बल्कि सूजन और अकड़न भी कम करती हैं।

असरदार आयुर्वेदिक औषधियां

गठिया और जोड़ों के दर्द में कई खास आयुर्वेदिक औषधियां कारगर साबित होती हैं। इनमें महारास्नादि क्वाथ, योगराज गुग्गुलु, सिंहनाद गुग्गुलु, अश्वगंधा चूर्ण, दशमूल क्वाथ और शुद्ध शिलाजीत प्रमुख हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. शर्मा बताते हैं कि ये औषधियां वात दोष को शांत करती हैं, सूजन घटाती हैं और जोड़ों की गतिशीलता बढ़ाती हैं।

खानपान में करें बदलाव

भारी, तैलीय, खट्टे और गरिष्ठ भोजन जोड़ों के दर्द को और बढ़ा देते हैं। आयुर्वेद में इन्हें “आम” और “वात” बढ़ाने वाला माना जाता है। इसलिए रोगी को हल्का, सुपाच्य भोजन खाना चाहिए। गर्म पानी पीना, हरी सब्जियां और दालों का सेवन करना, और मसालेदार भोजन से परहेज करने की सलाह दी जाती है।

योग और प्राणायाम से मिलेगा आराम

आयुर्वेद में योग और प्राणायाम को बेहद कारगर माना गया है। वज्रासन, त्रिकोणासन और भुजंगासन जैसे आसन जोड़ों की गतिशीलता बनाए रखते हैं और दर्द में राहत देते हैं। वहीं, अनुलोम-विलोम और भस्त्रिका प्राणायाम वात दोष को संतुलित करने में मदद करते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि नियमित योग करने से दवा का असर और भी जल्दी दिखाई देता है।

जोड़ों का दर्द आपकी दिनचर्या और लाइफस्टाइल को पूरी तरह प्रभावित कर सकता है। लेकिन अगर समय रहते आयुर्वेदिक इलाज अपनाया जाए तो यह समस्या जड़ से खत्म हो सकती है। सही खानपान, पंचकर्म चिकित्सा, औषधियों का सेवन और नियमित योग व प्राणायाम से दर्द में काफी राहत मिलती है। इसलिए अगर जोड़ों का दर्द जी का जंजाल बन चुका है, तो आयुर्वेदिक नुस्खे जरूर आजमाएं।

Source: IANS

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Vineet author

विनीत टाइम्स नाऊ नवभारत डिजिटल में फीचर डेस्क के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़े हैं। वे मूल रूप से दि...और देखें

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