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टीआरएफ को विदेश से फंडिंग का हुआ बड़ा खुलासा, NIA को 463 फोन कॉल्स के जरिए मिली अहम जानकारी

एनआईए ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक प्रतिनिधि, द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को मिलने वाले विदेशी धन से जुड़े एक बड़े मामले की कड़ी जांच की है। NIA को 463 फोन कॉल्स की जानकारी मिली, जिनका लिंक भारत विरोधी तत्वों और आतंकवाद समर्थकों से था। जांच एजेंसी को पाकिस्तान, खाड़ी देशों और मलेशिया से अहम सुराग मिले हैं।

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक प्रतिनिधि, द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को मिलने वाले विदेशी धन से जुड़े एक बड़े मामले की कड़ी जांच की है। टीआरएफ ने पहलगाम हमले में 26 पर्यटकों की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। जांचकर्ताओं ने भारत विरोधी तत्वों और चरमपंथी समर्थकों से जुड़े 463 फोन कॉल्स का पता लगाया है।

टीआरएफ को विदेश से फंडिंग का बड़ा खुलासा (फोटो: PTI)

एनआईए के अनुसार यह सुराग पाकिस्तान, मलेशिया और खाड़ी देशों तक जाता है। ये वे धन स्रोत हैं जिनकी मदद से टीआरएफ ने पूरे उपमहाद्वीप में अपने आतंकी प्रभाव का विस्तार किया है। एक प्रमुख खोज मलेशियाई निवासी यासिर हयात की ओर इशारा करती है। जिसके माध्यम से लगभग 9 लाख रुपये TRF को भेजे गए थे।

बैंक लेनदेन, सोशल मीडिया चैट और कॉल रिकॉर्ड से हुई पुष्टि

एजेंसी ने इस समूह के नेटवर्क को लश्कर-ए-तैयबा के मोस्ट वांटेड आतंकवादी साजिद मीर से भी जोड़ा है। अधिकारियों ने बताया कि मोबाइल डेटा, बैंक लेनदेन, सोशल मीडिया चैट और कॉल रिकॉर्ड से और पुष्टि हुई है। एनआईए की जांच में मोबाइल डेटा, सोशल मीडिया चैट्स, बैंक ट्रांजैक्शन और कॉल रिकॉर्ड्स से अहम जानकारी मिली है।

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