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नेपाल के संकटपूर्ण राजनीतिक हालातों के बीच उत्तराखंड की सीमाओं पर सतर्कता: मुख्यमंत्री धामी की समीक्षा बैठक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज दोपहर देहरादून के सचिवालय में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक बुलाई। बैठक का मुख्य उद्देश्य नेपाल की अस्थिरता से उत्पन्न संभावित खतरों का आकलन करना और सीमा सुरक्षा को और सशक्त बनाना था।
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मुख्यमंत्री धामी की समीक्षा बैठक

पड़ोसी देश नेपाल में व्याप्त राजनीतिक अस्थिरता के मद्देनजर राज्य की नेपाल से लगी सीमाओं की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। यह बैठक देहरादून में आयोजित हुई, जिसमें राज्य के शीर्ष प्रशासनिक और सुरक्षा अधिकारियों ने हिस्सा लिया। नेपाल में चल रहे युवा-आधारित विरोध प्रदर्शनों ने न केवल वहां की सरकार को हिला दिया है, बल्कि भारत के उत्तरी सीमावर्ती राज्यों के लिए भी सुरक्षा चुनौतियां पैदा कर दी हैं।

इसी संदर्भ में, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज दोपहर देहरादून के सचिवालय में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक बुलाई। बैठक का मुख्य उद्देश्य नेपाल की अस्थिरता से उत्पन्न संभावित खतरों का आकलन करना और सीमा सुरक्षा को और सशक्त बनाना था। बैठक में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के वरिष्ठ अधिकारी, मुख्य सचिव आनंद वर्धन, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, प्रमुख सचिव, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, एडीजी इंटेलिजेंस, कुमाऊं कमिश्नर, कुमाऊं के पुलिस महानिरीक्षक, तथा चंपावत, पिथौरागढ़ और ऊधम सिंह नगर जिलों के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक उपस्थित रहे। एएनआई और पीटीआई की रिपोर्ट्स के अनुसार, बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीमावर्ती क्षेत्रों से लाइव अपडेट्स भी लिए गए।

मुख्यमंत्री धामी ने बैठक में साफ निर्देश दिए कि सीमा पर निगरानी को और सख्त किया जाए। उन्होंने कहा, "नेपाल में चल रहे आंदोलनों का असर हमारी सीमाओं पर न पड़े, इसके लिए सतत सतर्कता बरतनी होगी। बाहरी तत्वों और संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाए।" उन्होंने बीएसएफ और स्थानीय पुलिस को संयुक्त गश्त बढ़ाने, ड्रोन सर्विलांस का उपयोग करने और इंटेलिजेंस शेयरिंग को मजबूत करने के आदेश दिए। विशेष रूप से पिथौरागढ़ और चंपावत जैसे संवेदनशील जिलों में चेकपोस्ट्स पर 24x7 निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारियों को स्थानीय समुदायों के साथ समन्वय बनाए रखने और आपातकालीन तैयारियों पर जोर दिया गया। इसके अलावा, ऊधम सिंह नगर में अवैध घुसपैठ रोकने के लिए आईडी चेक और वाहन स्कैनिंग को तेज करने का फैसला हुआ।

यह बैठक न केवल सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि द्विपक्षीय संबंधों को भी प्रभावित कर सकती है। भारत और नेपाल के बीच 1,850 किलोमीटर लंबी खुली सीमा है, जो व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का माध्यम है। लेकिन वर्तमान संकट में अवैध तस्करी, शरणार्थी प्रवाह या उग्रवादी घुसपैठ की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से भी समन्वय बनाए रखने की बात कही, जो हाल ही में सीमावर्ती राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक राष्ट्रीय सुरक्षा बैठक कर चुका है।

उत्तराखंड सरकार का यह कदम राज्य की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का संकेत देता है। आने वाले दिनों में सीमा पर अतिरिक्त बल तैनाती की संभावना है। हम लगातार इस मुद्दे पर नजर रखे हुए हैं। अधिक अपडेट्स के लिए बने रहें।

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    अभिषेक सिन्हा author

    पत्रकारिता में 23वर्षों का अनुभव पिछले 19 वर्षों से उत्तराखंड की छोटी से लेकर बड़ी ख़बरों को करने में अहम योगदान एवं सबसे आगे, दिल्ली एनसीआर में जैन ट...और देखें

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