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नए राजनीतिक दल के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में चुनाव आयोग ने किया बदलाव, अब संस्थापक सदस्यों की होगी जांच

चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के पंजीकरण में गड़बड़ियों पर सख्ती करते हुए संस्थापक सदस्यों की गहन जांच का आदेश दिया है। अब कम से कम 20 हलफनामों का यादृच्छिक सत्यापन होगा। आयोग पहले ही 334 गैर सक्रिय दलों को सूची से हटा चुका है और 476 अन्य दलों की जांच जारी है।

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चुनाव आयोग ने देश की चुनावी व्यवस्था को पारदर्शी और साफ रखने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने अब नए राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण कराने के लिए आवेदन करने वाले संगठनों और उनके संस्थापक सदस्यों की गहन जांच करने का निर्णय लिया है।

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गैर सक्रिय दलों पर गिरी गाज

राजनीतिक दलों का पंजीकरण जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29ए के तहत किया जाता है। चुनाव आयोग ने हाल के वर्षों में बड़ी संख्या में गैर सक्रिय और अस्तित्वहीन दलों को सूची से बाहर किया है। इसी क्रम में अगस्त 2025 के पहले चरण में 334 पंजीकृत अप्रमाणित राजनीतिक दलों को हटा दिया गया। इससे पहले कुल 2854 ऐसे दल थे जिनकी संख्या घटकर 2520 रह गई। इसके बाद अगस्त 2025 के दूसरे चरण में आयोग ने और 476 राजनीतिक दलों की पहचान की और राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को इनके सत्यापन के आदेश दिए।

संस्थापक सदस्यों की होगी सख्त जांच

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