सिपरी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि जनवरी 2025 में दुनिया भर में अनुमानित 12,241 परमाणु हथियारों की कुल संख्या में से लगभग 9,614 हथियार संभावित इस्तेमाल के लिए सैन्य भंडार में थे।
SIPRI Report: भारत और पाकिस्तान सहित दुनिया के लगभग सभी नौ परमाणु हथियार संपन्न देशों ने 2024 में अपने परमाणु हथियारों को न सिर्फ उन्नत बनाने की प्रक्रिया को जारी रखा बल्कि अपने हथियारों का जखीरा बढ़ाया भी है। वैश्विक विचारक समूह स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने एक बयान में कहा कि ऐसा अनुमान है कि भारत ने 2024 में एक बार फिर अपने परमाणु हथियारों के जखीरे का थोड़ा विस्तार किया है और नयी प्रकार की परमाणु हथियार प्रणालियों का विकास जारी रखा है।
SIPRI ने दी परमाणु जखीरे पर रिपोर्ट
पाकिस्तान ने परमाणु सामग्री एकत्रित करना जारी रखा
सिपरी की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने 2024 तक परमाणु हथियारों की नई वितरण प्रणालियां विकसित करना और परमाणु हथियारों में इस्तेमाल होने वाली सामग्री एकत्रित करना भी जारी रखा है। पाकिस्तान की योजना आगामी दशक में अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ाने की है। विचारक समूह सिपरी ने सोमवार को अपनी वार्षिक पुस्तक-2025 में शस्त्रीकरण, निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति का अपना वार्षिक मूल्यांकन जारी किया।
वार्षिक पुस्तक के विमोचन पर दिए गए वक्तव्य में भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सैन्य संघर्ष का भी जिक्र किया गया है। सिपरी ने अपनी वार्षिक पुस्तक में शस्त्रीकरण, निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति का देशवार मूल्यांकन प्रस्तुत किया है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने एक बयान में कहा, लगभग सभी नौ परमाणु हथियार संपन्न देश - अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (उत्तर कोरिया) और इजराइल ने 2024 में अपने परमाणु हथियारों को उन्नत बनाने के साथ-साथ हथियारों के जखीरे को भी बढ़ाने का काम किया।
भारत की नई 'कैनिस्टराइज्ड' मिसाइल का जिक्र
सिपरी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि जनवरी 2025 में दुनिया भर में अनुमानित 12,241 परमाणु हथियारों की कुल संख्या में से लगभग 9,614 हथियार संभावित इस्तेमाल के लिए सैन्य भंडार में थे। इसमें कहा गया है, माना जाता है कि भारत ने 2024 में एक बार फिर अपने परमाणु शस्त्रागार का थोड़ा विस्तार किया है और नए प्रकार के परमाणु वितरण प्रणाली का विकास जारी रखा है। थिंक-टैंक ने दावा किया, भारत की नई 'कैनिस्टराइज्ड' मिसाइलें, जिन्हें मेटेड वॉरहेड के साथ ले जाया जा सकता है, शांतिकाल में परमाणु वॉरहेड ले जाने में सक्षम हो सकती हैं, और संभवतः एक बार चालू होने के बाद हर मिसाइल पर कई वॉरहेड भी हो सकते हैं।
पारंपरिक संघर्ष के परमाणु संकट में बदलने का जोखिम
इसमें कहा गया है कि 2025 की शुरुआत में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कुछ समय के लिए सशस्त्र संघर्ष में बदल सकता है। SIPRI के वेपन्स ऑफ मास डिस्ट्रक्शन प्रोग्राम के एसोसिएट सीनियर रिसर्चर और FAS (फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स) में परमाणु सूचना परियोजना के एसोसिएट डायरेक्टर मैट कोर्डा ने बयान में कहा, हमलों और तीसरे पक्ष की गलत सूचनाओं के संयोजन ने पारंपरिक संघर्ष को परमाणु संकट में बदलने का जोखिम पैदा कर दिया है।
उन्होंने कहा, यह उन देशों के लिए एक सख्त चेतावनी के रूप में काम करना चाहिए जो परमाणु हथियारों पर अपनी निर्भरता बढ़ाना चाहते हैं। थिंक टैंक ने आगे कहा कि शीत युद्ध की समाप्ति के बाद से, रूस और अमेरिका द्वारा सेवा से हटाए गए हथियारों को धीरे-धीरे नष्ट करने की प्रक्रिया, नए हथियारों की तैनाती की प्रक्रिया से अधिक रही है, जिसके परिणामस्वरूप वैश्विक परमाणु हथियारों के भंडार में साल-दर-साल कमी आई है।