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'बैठकर आपस में मामला क्यों नहीं सुलझा लेते?', पालतू कुत्ते की कस्टडी पर दिल्ली HC ने TMC सांसद महुआ से पूछे सवाल

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और वकील जय अनंत देहद्राय का कुत्ता विवाद अब दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच चुका है। आइए पहले विवाद को समझ लेते हैं। दरअसल, यह विवाद एक रॉटविलर कुत्ते को लेकर है। महुआ मोइत्रा और जय अनंत देहाद्राई तीन साल तक रिलेशन में रहे। रिलेशन खत्म होने के बाद महुआ ने दिल्ली साकेत जिला अदालत का दरवाजा खटखटाया और सिविल सूट दायर कर कुत्ते की संयुक्त कस्टडी की मांग की।

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Mahua Moitra Vs jay Dog Custody Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को टीएमसी सांसद और वकील जय अनंत देहाद्राय द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई की। मामला पालतू कुत्ते की हिरासत से जुड़ा था। देहाद्राय द्वारा दायर उस याचिका पर जवाब मांगा गया, जिसमें उन्हें एक पालतू कुत्ते की हिरासत से संबंधित मामले को सार्वजनिक करने से रोकने के आदेश दिया गया था।

पालतू कुत्ते की कस्टडी विवाद पर दिल्ली HC ने सुनवाई की।(फोटो सोर्स: Jai Anant Dehadrai Instagram)

आइए पहले विवाद को समझ लेते हैं। दरअसल, यह विवाद एक रॉटविलर कुत्ते को लेकर है। महुआ मोइत्रा और जय अनंत देहाद्राई तीन साल तक रिलेशन में रहे। रिलेशन खत्म होने के बाद महुआ ने दिल्ली साकेत जिला अदालत का दरवाजा खटखटाया और सिविल सूट दायर कर कुत्ते की संयुक्त कस्टडी की मांग की। महुआ और जय ने एक दूसरे पर कुत्त चुराने का आरोप लगाया है। वहीं, देहाद्राय ने निचली अदालत के एकपक्षीय आदेश को चुनौती दी, जिसमें यह निर्देश दिया गया था कि वर्तमान कार्यवाही का किसी भी तरह से प्रचार न किया जाए।

निचली अदालत का फैसला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन: देहाद्राय

दिल्ली हाई कोर्ट में मामले पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के जज जस्टिस मनोज जैन ने दोनों पक्षों को आपस में बैठकर मुद्दे का हल निकालने की सलाह दी है। देहाद्राय की ओर से पेश हुए वकील संजय घोष ने कहा कि देहाद्राय निचली अदालत के मार्च 2025 के उस फैसले से व्यथित हैं, जिसमें पक्षों को मामले के बारे में बात करने से प्रतिबंधित किया गया था। यह आदेश साकते कोर्ट ने इसी साल मार्च महीने में दिया था। देहाद्राय ने तर्क दिया कि यह आदेश उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है।

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