बिहार में SIR के मुद्दे पर चुनाव आयोग और विपक्ष गठबंधन के बीच मुद्दा शांत होने का नाम नहीं ले रहा। विपक्ष लगातार चुनाव आयोग और भाजपा पर वोट चोरी का आरोप लगा रहा है, जबकि चुनाव आयोग की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस करके लगातार सुबूत मांगे जा रहे हैं। इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग का नोटिस लाया जा सकता है।
SIR के मुद्दे पर एक तरफ विपक्ष लगातार चुनाव आयोग और भाजपा पर हमले कर रहा है। दूसरी ओर चुनाव आयोग की तरफ ने कांग्रेस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। इस बीच विपक्षी INDI गठबंधन मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग का नोटिस दे सकता है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार (फोटो- EC)
टाइम्स नाउ नवभारत के सूत्रों के अनुसार विपक्षी गठबंधन ने CEC ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग का नोटिस देने का फैसला किया है। विपक्ष ने SIR और कथित वोट चोरी के खिलाफ कई दिनों से चला आ रहा अपना विरोध और तेज कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग लाने का निर्णय राज्यसभा में नेता प्रतिविपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में हुई I.N.D.I.A. के फ्लोर नेताओं की बैठक में लिया गया। सूत्रों के अनुसार, विपक्षी दलों के कई नेताओं ने खरगे के कक्ष में हुई बैठक में भाग लिया। बैठक में इस बात पर चर्चा की कि कैसे मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने रविवार को प्रेस वार्ता को संबोधित किया और उनके द्वारा उठाए गए किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।
सूत्रों के अनुसार, विपक्षी दलों के कुछ सांसदों को लगता है कि इस लड़ाई को आगे बढ़ाया जाना चाहिए और उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि उसने चुनाव प्रक्रिया में उठाए गए संदेहों का जवाब नहीं दिया है या उन्हें दूर नहीं किया है।
विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने टाइम्स नाउ नवभारत को बताया कि वे CEC ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग का नोटिस देने की योजना बना रहे हैं और इसकी रूपरेखा जल्द ही तय की जाएगी।
उधर इस कदम के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता नसीर हुसैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे इस संबंध में हर लोकतांत्रिक तरीका अपनाएंगे। उन्होंने कहा, ‘हमें कल उम्मीद थी कि निर्वाचन आयोग जनता द्वारा उठाई जा रही सभी चिंताओं और सवालों का जवाब देगा और लोगों की शंकाओं को दूर करेगा।’ उन्होंने कहा, ‘निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची में मृत घोषित किए गए व्यक्तियों के बारे में कोई जवाब नहीं दिया है और वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता की तरह काम कर रहा है तथा भाजपा प्रवक्ता की तरह ही बात कर रहा है। हमें देश में पूरी तरह से निष्पक्ष मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयोग की जरूरत है।’
मुख्य निर्वाचन आयुक्त के खिलाफ महाभियोग नोटिस पर विचार किए जाने के बारे में पूछे जाने पर हुसैन ने कहा, ‘जरूरत पड़ने पर हम संसदीय लोकतंत्र में निहित किसी भी प्रक्रिया का इस्तेमाल करने के लिए तैयार हैं।’
बता दें कि रविवार को दिल्ली में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त कुमार ने कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण का उद्देश्य मतदाता सूचियों में सभी खामियों को दूर करना है और यह गंभीर चिंता का विषय है कि कुछ दल इसके बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने दोहरे मतदान और ‘वोट चोरी’ के आरोपों को ‘निराधार’ बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि सभी हितधारक पारदर्शी तरीके से विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को सफल बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि निर्वाचन आयोग भाजपा के साथ मिलकर बिहार में एसआईआर के नाम पर ‘खुलेआम वोट चोरी’ कर रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें निर्वाचन आयोग के अधिकारियों पर भरोसा नहीं है। बिहार के सासाराम से शुरू हुई अपनी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के पहले दिन के समापन पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने यह भी कहा कि ‘वोट चोरी’ का पर्दाफाश करने वाली उनकी प्रेस वार्ता के बाद उनसे हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा गया था, लेकिन भाजपा नेता अनुराग ठाकुर जिन्होंने अपनी प्रेस वार्ता में इसी तरह के दावे किए थे ,उनसे ऐसी कोई मांग नहीं की गई।