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ढाल और तलवार दोनों तरह काम करेगा भारत का एयर डिफेंस सिस्टम 'सुदर्शन चक्र', बोले CDS जनरल चौहान

मध्य प्रदेश के महू में रण संवाद में समापन भाषण के दौरान सीडीएस चौहान ने कहा कि अगर हमें लड़ना और जीतना है तो 'शास्त्र' और 'शस्त्र' को एक साथ चलाना होगा।

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CDS General Anil Chauhan: मध्य प्रदेश के महू में रण संवाद में समापन भाषण के दौरान सीडीएस चौहान ने भारत की प्रस्तावित एयर डिफेंस सिस्टम सुदर्शन चक्र का खास तौर पर जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इसमें सेंसर, मिसाइल, निगरानी तंत्र और कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का व्यापक एकीकरण शामिल होगा। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने कहा कि यह एयर डिफेंस सिस्टम ढाल और तलवार दोनों की तरह काम करेगी और कहा कि यह इजराइल की आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम की तर्ज पर होगी, जिसे एक बेहद प्रभावी मिसाइल शील्ड के रूप में जाना जाता है।

CDS जनरल अनिल चौहान (ANI)

भारत का मिशन सुदर्शन चक्र

महू में रक्षा सम्मेलन में प्रस्तावित मिसाइल शील्ड पर जनरल चौहान की टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में मिशन सुदर्शन चक्र 10 वर्षीय परियोजना की घोषणा के बाद सेना की ओर से पहली टिप्पणी है। युद्ध और युद्ध-कौशल पर तीनों सेनाओं के एक सेमिनार 'रण संवाद' में अपने संबोधन में जनरल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर पर भी संक्षेप में चर्चा की और कहा कि इस संघर्ष से कई सबक सीखे गए हैं और उन्हें लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ऑपरेशन सिंदूर एक आधुनिक संघर्ष था जिससे हमने कई सबक सीखे हैं और उनमें से अधिकांश पर अमल किया जा रहा है, कुछ को लागू किया जा चुका है।

सीडीएस चौहान ने सुदर्शन चक्र की संभावित संरचना पर विस्तार से प्रकाश डाला और इसे भारत का अपना लौह गुंबद या स्वर्ण गुंबद बताया। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने कहा, मेरा मानना है कि इसका उद्देश्य भारत के सामरिक, नागरिक और राष्ट्रीय महत्व के स्थलों की सुरक्षा के लिए एक ऐसी प्रणाली विकसित करना है, जो ढाल के साथ-साथ तलवार का भी काम करेगी। इसमें दुश्मन के हवाई हमलों का पता लगाने, उन्हें हासिल करने और उन्हें बेअसर करने के लिए मजबूत बुनियादी ढांचे और प्रक्रियाओं का विकास शामिल होगा, जिसमें सॉफ्ट किल और हार्ड किल, गतिज और प्रत्यक्ष ऊर्जा वाले हथियारों का इस्तेमाल शामिल होगा।

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