​​इलेक्ट्रिक बाइक के 5 बड़े नुकसान, खरीदने वाले रो रहे हैं, आपके साथ भी...​​

Disadvantages Of Electric Bikes: भारत में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर का बाजार लगातार बढ़ रहा है। लोग पेट्रोल-डीजल की महंगाई से बचने और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए इलेक्ट्रिक बाइक की ओर रुख कर रहे हैं।

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​फायदे के साथ नुकसान​

​इलेक्ट्रिक बाइक के कई फायदे हैं, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आइए जानते हैं इलेक्ट्रिक बाइक चलाने के 5 बड़े नुकसान के बारे में...​

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​1. सीमित रेंज की समस्या​

​इलेक्ट्रिक बाइक का सबसे बड़ा नुकसान इसकी सीमित रेंज है। एक बार बैटरी फुल चार्ज करने के बाद भी यह अधिकतम 100 से 150 किलोमीटर तक ही चल पाती है। लंबी दूरी तय करने वालों के लिए यह एक बड़ी चुनौती है। खासकर हाईवे या दूरदराज के इलाकों में यह समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है।​

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​2. चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी​

​भारत में अभी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन बहुत सीमित हैं। बड़े शहरों में तो यह सुविधा धीरे-धीरे बढ़ रही है, लेकिन छोटे कस्बों और ग्रामीण इलाकों में चार्जिंग स्टेशन का अभाव है। ऐसे में लंबी यात्रा के दौरान बैटरी खत्म हो जाना बड़ी परेशानी खड़ी कर सकता है।​

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​3. बैटरी बदलने और रखरखाव की लागत​

​इलेक्ट्रिक बाइक की बैटरी एक महंगा कंपोनेंट है। बैटरी की उम्र 3 से 5 साल तक होती है और इसे बदलने में 30,000 से 60,000 रुपये तक का खर्च आ सकता है। इसके अलावा बैटरी की परफॉर्मेंस मौसम के हिसाब से भी घटती-बढ़ती रहती है, जो लंबे समय तक परेशानी दे सकती है।​

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​4. स्पीड और पावर की कमी​

​पेट्रोल बाइक्स की तुलना में इलेक्ट्रिक बाइक में स्पीड और पावर कम होती है। कई बार यह हाइवे पर ओवरटेक करने या लंबी दूरी पर लगातार चलने में सक्षम नहीं होती। तेज रफ्तार पसंद करने वाले राइडर्स को इलेक्ट्रिक बाइक थोड़ा निराश कर सकती है।​

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​5. चार्जिंग समय ज्यादा लगना​

​जहां पेट्रोल बाइक में महज 5 मिनट में टैंक फुल हो जाता है, वहीं इलेक्ट्रिक बाइक को चार्ज करने में 3 से 6 घंटे तक लग जाते हैं, हालांकि फास्ट चार्जिंग विकल्प मौजूद हैं, लेकिन हर जगह इसकी सुविधा नहीं मिल पाती। यह लंबी यात्रा के दौरान सबसे बड़ी दिक्कत बन सकती है।​