पास में हैं थोड़े से भारतीय रुपये, फिर भी इन 5 देशों में बन जाएंगे करोड़पति!

क्या आपने कभी सोचा है आपके पास बहुत थोड़े से रुपए हैं। लेकिन कुछ देशों में जाकर आप करोड़पति हो जाते हैं। कुछ देशों में तो ₹500 या ₹2,000 भी लाखों रुपए हो जाते हैं, और ऐसा उनकी कम मूल्य वाली करेंसी के कारण होता है। भारतीय रुपया डॉलर और कई मद्राओं के सामने वैल्यू में मामूली लग सकता है, लेकिन कुछ मुद्राओं के मुकाबले इसकी क्रय शक्ति काफी आधिक है। आइए जानते हैं दुनिया की 5 ऐसी करेंसी जिसका वैल्यू भारतीय रुपया के सामने नगन्य है।

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​ यहां कम पैसे में भी बन सकते हैं करोड़पति​

कुछ देशों की मुद्रा इतनी कमजोर है कि भारतीय रुपये की वैल्यू वहां बहुत ज्यादा हो जाती है। ट्रैवल एजेंसी थॉमस कुक के अनुसार, दुनिया की कुछ सबसे कमजोर मुद्राओं में शामिल हैं: ईरानी रियाल, वियतनामी डोंग, सिएरा लियोनियन लियोन, लाओटियन किप, और गिनी फ्रैंक। इन देशों में करोड़पति जैसा महसूस कर सकते हैं। इन देशों में भारतीय रुपये की खरीदारी शक्ति काफी अधिक होती है। इसलिए अगर आप कम बजट में विदेशी यात्रा का सपना देख रहे हैं, तो ये देश आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं। (तस्वीर-istock)

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​भारतीय रुपये के सामने 5 सबसे कमजोर करेंसी​

कुछ देशों की मुद्रा इतनी कमजोर है कि भारतीय रुपया वहां काफी मूल्यवान हो जाता है। ईरानी रियाल दुनिया की सबसे कमजोर मुद्रा है। ईरान मुद्रास्फीति और आर्थिक प्रतिबंधों से जूझ रहा है और अब तोमन मुद्रा लागू करने की योजना बना रहा है। वियतनामी डोंग की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है। यह नीति निर्यात को सस्ता और प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए अपनाई गई है। इंडोनेशियाई रुपिया वैश्विक बाजारों पर निर्भर है, जबकि लाओसियन किप लाओस की धीमी आर्थिक प्रगति के कारण कमजोर है। वहीं, गिनी फ्रैंक राजनीतिक अस्थिरता और कमजोर बुनियादी ढांचे के चलते कमजोर बना हुआ है। इन देशों में भारतीय रुपये की खरीदारी शक्ति अधिक होने के कारण वे यात्रियों के लिए बेहद किफायती हैं। आगे जानिए इन मुद्राओं की तुलना में भारतीय रुपया कितना ताकतवर है।(तस्वीर-istock)

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​ईरानी रियाल​

ईरानी रियाल लगातार दुनिया की सबसे कम मूल्यवान मुद्रा के रूप में शुमार है। 2025 के मध्य तक भारत के 1 रुपया की कीमत करीब 490-500 रियाल हो सकती है। दशकों से चल रहे आर्थिक प्रतिबंधों, लगातार बढ़ती महंगाई दर और भू-राजनीतिक अस्थिरता ने इसे गंभीर रूप से कमजोर कर दिया है। दिलचस्प बात यह है कि ईरान लेन-देन को आसान बनाने और अत्यधिक महंगाई दर से निपटने के लिए रियाल की जगह तोमन मुद्रा लागू करने पर विचार कर रहा है, जहां 1 तोमन 10 रियाल के बराबर होता है। (तस्वीर-istock)

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​वियतनामी डोंग​

यह दुनिया की सबसे कम वैल्यू वाली मुद्राओं में से एक है। करीब 300 डोंग भारत के 1 रुपये के बराबर होते हैं। सरकार वियतनामी उत्पादों को अन्य देशों के लिए सस्ता बनाने के लिए इसे इस तरह रखती है। इससे निर्यात को बढ़ावा मिलता है और अधिक विदेशी निवेश आता है, जबकि अर्थव्यवस्था स्वयं लगातार बढ़ रही है। (तस्वीर-istock)

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​इंडोनेशियाई रुपिया​

इंडोनेशियाई रुपिया एक और कम वैल्यू वाली मुद्रा है, भारत का 1 रुपया करीब 185-190 इंडोनेशियाई रुपिया के बराबर होता है। हालांकि देश की अर्थव्यवस्था विभिन्न नीतियों के माध्यम से स्थिर है, फिर भी इसका मूल्य वस्तुओं की कीमतों, आयात पर निर्भरता और वैश्विक बाजार के रुझानों से प्रभावित होता रहता है। (तस्वीर-istock)

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​गिनी फ्रैंक​

भले ही गिनी बॉक्साइट और लौह अयस्क जैसे प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है, फिर भी इसकी मुद्रा गिनी फ्रैंक अभी भी बहुत कमजोर है। करीब 1 भारतीय रुपया में आपको करीब 100 गिनी फ्रैंक मिल सकते हैं। इस कम कीमत के पीछे मुख्य कारण राजनीतिक अस्थिरता और उचित बुनियादी ढांचे का अभाव है। इसलिए भले ही यह देश बहुमूल्य खनिजों का निर्यात करता हो, फिर भी इसकी अर्थव्यवस्था संघर्ष करती है। हालांकि यात्रियों के लिए यह गिनी को घूमने के लिए एक बेहद किफायती जगह बनाता है, जो सामान्य लागत के एक अंश पर अनोखे अनुभव प्रदान करता है। (तस्वीर-istock)

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​लाओसियन किप​

लाओस की मुद्रा किप है दुनिया की सबसे कमजोर मुद्राओं में से एक है, भारत के 1 रुपया 250-260 किप के बराबर है। देश की अर्थव्यवस्था अभी भी विकासशील है और मुख्यतः कृषि और जलविद्युत पर निर्भर है। सीमित बुनियादी ढांचे और धीमी वृद्धि ने किप के वैल्यू को कम रखा है। हालांकि इसका मतलब यह भी है कि लाओस यात्रियों के लिए एक बेहद किफायती जगह है, जहां आप कम रुपयों में करोड़पति हो सकते हैं। (तस्वीर-istock)