स्कूल के बाद चराती थी मवेशी, फिर UPSC क्रैक कर पूरा किया IAS बनने का सपना

जज्बा हो तो लक्ष्य को प्राप्त करने की चाहत रखने वाले संसाधन का मोह नहीं करते, लगन से तैयारी करते हैं और तक तक नहीं रुकते जब तक उन्हें मंजिल नहीं ​मिल जाती। ये Success Story भी ऐसी ही एक मेहनती लड़की की है, जो स्कूल से घर आती फिर मवेशियों को चराने जाती, इसके बाद घर के काम काज संभालती और जैसे तैसे पढ़ाई के लिए समय निकालकर यूपीएससी की तैयारी करती। आज ये लड़की एक IAS Officer है, इनका सफर दृढ़ संकल्प का प्रमाण है।

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जज्बे ने बदली पहचान, IAS अधिकारी बन पूरा किया मुकाम

क्या वास्तव में यूपीएससी द्वारा आयोजित होने वाली सिविल सेवा परीक्षा को पास करना बहुत मुश्किल है? इसका जवाब है नहीं, जी हां सच्चाई तो ये है कि किसी भी परीक्षा को पास करना मुश्किल नहीं है, हां दिक्कत वहां आती है, जब ज्यादातर जो ईमानदारी से लक्ष्य को पाना चाहते हैं, लेकिन बहानेबाजी की आंड़ में अपनी कोशिशे छोड़ देते हैं, और हार मानकर बैठ जाते हैं।

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Photo : TNN Edit and Canva

नजरिये का समझें खेल​

​हर साल लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा इस परीक्षा की तैयारी करते हैं, इनमें से कुछ सिविल सेवक बनने का सपना पूरा कर पाते हैं। अब आपको क्या दिखता है — जो असफल हुए या जो सफल हुए? ये नजरिए का खेल है। इसलिए सभी ज्ञानी सकारात्मक होने की सलाह देते हैं, चुनौतियां तो बनी रहेंगी।​

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पढ़ाई को देनी होगी प्राथमिकता​

​ये Motivational Story IAS C Vanmathi की है, जो समाज के सभी वर्गों की महिलाओं के लिए उम्मीद की किरण है। तमिलनाडु के इरोड जिले के सत्यमंगलम में जन्मी C Vanmathi उनके दृढ़ संकल्प का प्रमाण है। उनके पिता, जो एक कैब ड्राइवर थे, अपना गुजारा चलाने के लिए हर दिन कड़े संघर्ष करते थे। आर्थिक तंगी के बावजूद, C Vanmathi के माता-पिता ने उनकी शिक्षा को प्राथमिकता दी।​

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स्कूल के बाद मवेशियों को चराया​

​उन्होंने टीवी सीरियल से प्रेरणा लेकर यूपीएससी परीक्षा पास की। IAS C Vanmathi UPSC Journey बेहद प्रेरणादायक हैं, आईएएस वनमती का बचपन आर्थिक तंगी से भरा रहा और उन्हें कई तरह के छोटे-मोटे काम करके अपने परिवार की आय में योगदान देना पड़ा। वह अक्सर परिवार की भैंसों को चराने और स्कूल के बाद उनकी देखभाल करने के लिए बाहर ले जाती थीं।​

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सामाजिक अपेक्षाओं के आगे झुकने से किया मना​

​चुनौतियों के बावजूद, C Vanmathi के माता-पिता ने उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया और वह एक मेहनती छात्रा साबित हुईं।​जब वनमती ने अपनी 12वीं पूरी की, तो उनके रिश्तेदारों ने उनके माता-पिता पर उनकी शादी तय करने का दबाव डालना शुरू कर दिया। हालांकि, वनमती अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए दृढ़ थीं और उन्होंने सामाजिक अपेक्षाओं के आगे झुकने से इनकार कर दिया। उनके माता-पिता ने उनके फैसले का समर्थन किया और उन्होंने कंप्यूटर एप्लीकेशन में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की।​

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टीवी सीरियल से मिली प्रेरणा​

​वनमती को आईएएस अधिकारी बनने की प्रेरणा दो महत्वपूर्ण स्रोतों से मिली। वह एक महिला कलेक्टर से बहुत प्रभावित थीं, जो उनके गृहनगर आई थीं और जिन्हें समुदाय का सम्मान प्राप्त था। इसके अलावा, उन्होंने "गंगा यमुना सरस्वती" नामक एक टीवी धारावाहिक देखा, जिसमें एक आईएएस अधिकारी की मुख्य भूमिका थी। इन प्रभावों ने सिविल सेवा में अपना करियर बनाने के उनके संकल्प को और मजबूत किया।​

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आईएएस वनमती का यूपीएससी सफर​

​यूपीएससी में सफलता पाने का उनका पहला प्रयास असफल रहा, हालांकि वे साक्षात्कार तक पहुंच गईं थी। वे अपने संकल्प पर अडिग रहीं कोशिश बनाई रखी, यही कारण था कि उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई और उन्होंने 2015 की यूपीएससी परीक्षा में अखिल भारतीय रैंक (AIR) 152 हासिल की। ​​वर्तमान में, वह मुंबई, महाराष्ट्र में संयुक्त आयुक्त (प्रवर्तन), राज्य कर के पद पर कार्यरत हैं।​