बादल फटने से पानी-पानी हुआ हिमाचल, जानें कैसे फटता है बादल, कितना पानी एक साथ बरसता है

क्लाउडबर्स्ट एक प्राकृतिक आपदा है जिसमें बहुत ही कम वक्त में ज्यादा बारिश होती है। यह बारिश इतनी तेज होती है कि ज़मीन पर पानी को सोखने या बहने का समय नहीं मिल पाता जिससे अचानक बाढ़ (Flash Flood) जैसी स्थिति बन जाती है। यह ज्यादातर पहाड़ों पर ही होता है। 100 मिमी से अधिक की भारी बारिश को बादल फटना कहा जाता है और यह संकरी घाटियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कहीं भी हो सकती है। हिमाचल में बादल फटने की घटनाओं में अबतक पिछले कुछ दिनों कई लोगों की मौत हुई है।

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हिमाचल में बादल फटने से तबाही

20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से पांच जुलाई तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 47 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 31 की मौत बादल फटने, अचानक बाढ़ आने और भूस्खलन में हुई या वे डूब गए। वर्ष 2023 की बाढ़ के दौरान हिमाचल प्रदेश में करीब 550 लोगों की जान चली गई थी।

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Photo : TIMES NOW NAVBHARAT

क्या होता है बादल फटना

जब किसी स्थान पर बहुत ही कम समय में (आमतौर पर 1 घंटे से भी कम समय में) 100 मिमी या उससे अधिक बारिश होती है, तो उसे क्लाउडबर्स्ट यानी बादल का फटना कहा जाता है।

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क्यों होती है ये प्राकृतिक आपदा

चरम मौसम की स्थिति, कम बर्फबारी, बसंत ऋतु की अवधि का घटना, मई-जून के दौरान बारिश, नमी और आद्रता के कारण भारी बारिश से बड़े पैमाने पर मिट्टी का कटाव, बादल फटने, अचानक बाढ़ आने और भूस्खलन जैसी घटनाओं में वृद्धि हुई है।

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कहां फटता है बादल

बादल फटने जैसी घटना ज्यादातर पहाड़ी क्षेत्रों में देखने को मिलती है जैसे – उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लेह-लद्दाख।

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अचानक क्यों फटते है बादल

क्लाउडबर्स्ट का कारण गरम और नम हवा का तेजी से ऊपर उठना और बादलों का एक जगह पर इकट्ठा होकर अचानक फटना होता है।

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क्या होता है बादल फटने के बाद

इस दौरान गंभीर बाढ़, भूस्खलन और मलबे का बहाव होता है जिससे मानव जीवन, पशु, संपत्ति और फसलों को भारी नुकसान होता है।