क्या कहती है गणेश जी की हर अलग मुद्रा, जानें बप्पा की प्रतिमा का साफ संदेश

आज यानी 27 अगस्त से गणेश चतुर्थी के पावन पर्व की शुरुआत हो रही है। भगवान गणेश का ये पावन पर्व देश भर में मनाया जाता है। आज हम आपको बप्पा की प्रतिमा की अलग-अलग मुद्राओं के बारे में बताने जा रहे हैं।

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​बप्पा की प्रतिमा के संदेश​

भगवान गणेश जी प्रतिमा का प्रत्येक भाग अपना एक अलग महत्व बताता है। ऐसे ही कुछ आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं, जो आपको गणपति की प्रतिमा से दिखाई देते हैं।

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​कितने दिन का चलता है गणेश चतुर्थी का त्यौहार?​

आज यानी 27 अगस्त से शुरु होने वाला गणेश चतुर्थी का महापर्व अगले 10 दिन तक देश भर में पूरी धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। इन दिनों आपको देश में शानदार गणपति पांडालों को देखने का मौका मिलेगा।

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​बड़ा सिर​

हिन्दू धार्मिक परंपरा में हाथी को ज्ञान और स्मृति का प्रतीक माना जाता है। गणेश जी का बड़ा सिर हमें यह संदेश देता है कि इंसान को अपने जीवन में ज्ञान, समझदारी और धैर्य को सबसे ऊपर रखना चाहिए।

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​बड़ी सूंड​

गणेश जी की सूंड यह बताती है कि व्यक्ति को समय के अनुसार खुद को ढालने की क्षमता रखनी चाहिए। क्योंकि सूंड कठोर और कोमल दोनों तरह से काम आसानी से कर लेती है।

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​बड़े कान​

गणेश जी के बड़े कान सकारात्मका के प्रतीक हैं। जो ये दर्शाते हैं, कि हमें हमेशा अच्छा और सकारात्मक सुनना चाहिए।

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​छोटी-छोटी आंखें​

गणेश के लगे हाथी के सिर में आपने अक्सर छोटी आंखों पर गौर किया होगा। जो ये दिखाता है कि हमें अपनी छोटी आंखों से हमेशा चीजों पर पूरा फोकस करना चाहिए।

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​टूटा दांत​

गणेश जी का टूटा हुआ दांत इस बात का प्रतीक है, कि हमें हमेशा अपनी अच्छाइयों को छुपाकर रखना चाहिए। वहीं ये साफ संदेश देता है कि हमें अपनी कमियों को पूरी तरह स्वीकार करना चाहिए।