बंद हो गई दुनिया की सबसे बड़ी गेम स्ट्रीमिंग की 'अवैध' वेबसाइट, सदमे में पड़े 1.6 अरब से विजिटर्स
दुनिया की सबसे बड़ी अवैध खेल प्रसारण (स्पोर्ट्स स्ट्रीमिंग) साइट को पुलिस ने बंद कर दिया है। प्रमुख एंटी-पाइरेसी संगठन एलायंस फॉर क्रिएटिविटी एंड एंटरटेनमेंट (ACE) ने बुधवार को जानकारी दी कि उसने मिस्र की पुलिस के साथ मिलकर Streameast नामक वेबसाइट को बंद कराया है। इस साइट पर पिछले एक साल में 1.6 अरब से ज्यादा विजिट हुए थे।
इंग्लिश प्रीमियर लीग फुटबॉल मैच लाइव
Streameast के जरिए लाखों लोगों को इंग्लिश प्रीमियर लीग फुटबॉल मैच, फॉर्मूला-1 रेस और मेजर लीग बेसबॉल जैसे बड़े खेल आयोजनों के अवैध प्रसारण मुफ्त में देखने की सुविधा मिल रही थी। ACE के चेयरमैन चार्ल्स रिवकिन ने इसे डिजिटल पाइरेसी के खिलाफ “बड़ी जीत” करार दिया। उन्होंने कहा कि यह कदम दुनिया भर के खेल संगठनों, मनोरंजन कंपनियों और दर्शकों के हित में है।
खेल प्रसारण 60 अरब डॉलर का
इस साल की शुरुआत में आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अवैध खेल प्रसारण अब “औद्योगिक स्तर” पर हो रहा है। खेल प्रसारण का कारोबार वैश्विक स्तर पर 60 अरब डॉलर से अधिक का है। महंगे मीडिया राइट्स और अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर मैच देखने के लिए कई सब्सक्रिप्शन लेने की मजबूरी ने दर्शकों को अवैध स्ट्रीमिंग की ओर धकेला है।
ब्रिटेन से सबसे ज्यादा ट्रैफिक
ACE के मुताबिक, Streameast का सबसे ज्यादा ट्रैफिक ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, फिलीपींस और जर्मनी से आ रहा था। वहीं, The Athletic की रिपोर्ट में कहा गया है कि मिस्र की राजधानी काहिरा के पास अल-शेख ज़ायद इलाके से दो लोगों को कॉपीराइट उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया गया। छापेमारी के दौरान पुलिस ने लैपटॉप, स्मार्टफोन, नकदी और क्रेडिट कार्ड भी जब्त किए।
दुबई की कंपनी का मिला लिंक
साथ ही दुबई स्थित एक फर्जी कंपनी का लिंक मिला, जिसके जरिए साल 2010 से अब तक 4.9 मिलियन पाउंड से ज्यादा विज्ञापन राजस्व को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए सफेद किया गया था। पुलिस को करीब 1.5 लाख पाउंड की क्रिप्टोकरेंसी भी मिली।
एमडी ने फैसले का किया स्वागत
स्पोर्ट्स स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म DAZN ग्रुप के सीओओ एड मैकार्थी ने इस कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा कि यह आपराधिक नेटवर्क खेल जगत के हर स्तर से मूल्य चोरी कर रहा था और दुनियाभर के प्रशंसकों को जोखिम में डाल रहा था। अब Streameast पर जाने वाले यूजर्स को ACE की वेबसाइट पर रीडायरेक्ट किया जाएगा, जहां उन्हें खेलों को “कानूनी तरीके से” देखने के विकल्प सुझाए जाएंगे।
खत्म नहीं होगा ट्रेंड
हालांकि, मीडिया रिसर्च के एंटरटेनमेंट विश्लेषक बेन वुड्स का मानना है कि इस तरह की कार्रवाई लंबे समय तक प्रभावी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि महंगी वैध सदस्यताओं और सोशल मीडिया पर मुफ्त कंटेंट की आदत के कारण युवा दर्शक अवैध स्ट्रीमिंग की ओर आकर्षित हो रहे हैं। उनके मुताबिक, केवल पाइरेसी को दबाने से समस्या खत्म नहीं होगी, बल्कि खेलों को और अधिक सुलभ बनाना ही इसका स्थायी समाधान है।
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