अध्यात्म

Anant Chaturdashi Puja Samagri: अनंत चतुर्दशी पूजा सामग्री, जानें अनंत चौदस की पूजा में क्या-क्या सामान लगता है

Anant Chaturdashi Puja Samagri (अनंत चतुर्दशी की पूजा सामग्री लिस्ट): भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का शुभ त्योहार मनाया जाता है। अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस भी कहा जाता है। इस दिन गणपति और भगवान विष्णू-माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। यहां से आप अनंत चतुर्दशी की पूजा सामग्री लिस्ट देख सकते हैं।

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Anant Chaturdashi Puja Samagri (अनंत चतुर्दशी की पूजा सामग्री लिस्ट): मान्यता है किअनंत चतुर्दशी के दिन व्रत और पूजन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और अनंत सूत्र हाथों में बांधने से भक्तों को सारे कष्टों से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि भगवान विष्णु को अर्पित किया जाने वाला 14 गांठों वाला यह रक्षासूत्र 14 लोको का प्रतिनिधित्व करते हैं। यही कारण है कि इस सूत्र को हाथ में बांधने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। इतना ही नहीं अनंत चतुर्दशी का व्रत रखने से अक्षय पुण्य फल की प्राप्ति भी होती है। अगर आप भी अनंत चतुर्दशी की पूजा करते हैं तो आपको सबसे पहले यहां से इसकी पूजा सामग्री लिस्ट नोट कर लेनी चाहिए।

अनंत चतुर्दशी पूजा सामग्री (Anant Chaturdashi Puja Samagri)

  • भगवान विष्णू, माता लक्ष्मी और शेशनाग की फोटो
  • गणेश जी की फोटो
  • पीला कपड़ा
  • अनंत चतुर्दशी व्रत कथा किताब
  • रोली
  • चंदन
  • अक्षत
  • सफेद तिल
  • सिदूर
  • दीपक
  • मौली
  • हल्दी गांठ
  • सुपारी
  • जनेऊ
  • एक लोटा जल
  • धूप बत्ती
  • कपूर
  • 14 गांठ वाले अनंत सूत्र
  • दक्षिणा
  • माचिस
  • गंगा जल
  • अशोक के पत्ते
  • फल और मिठाई
  • फूल
  • तुलसी
  • श्रृंगार का सामान

अनंत चतुर्दशी पूजा विधि (Anant Chaturdashi Puja Vidhi)

सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद, चौकी पर गंगाजल छिड़ककर लाल कपड़ा बिछाएं। फिर भगवान विष्णु की प्रतिमा या फोटो की स्थापना करें। साथ ही, चौकी के पास एक जल से भरा कलश रखें। फिर अष्टदल कमल और कच्चा सूत भी चौकी के पास रखें। आपके पास कच्चा सूत नहीं है तो आप कलावा भी रख सकते हैं। श्री हरि भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद, भगवान विष्णु को स्नान कराएं और वस्त्र धारण कराएं। फिर उनका श्रृंगार कर चंदन लगाएं और फूल एवं माला अर्पित करें। फिर भगवान विष्णु के चरणों में लाल कपड़े में लपेटकर चावल चढ़ाएं। इसके बाद, भगवान विष्णु को भोग में फल, मिठाई, केसर चढ़ाएं। फिर भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें और आरती गाएं। आखिर में भोग को प्रसाद के रूप में परिवार के बीच वितरित करें।

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