अध्यात्म

सूतक काल क्या होता है? क्यों चंद्र ग्रहण में 9 घंटे पहले ही लगता है सूतक काल, चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के सूतक काल अलग क्यों हैं

Sutak Kaal Kya Hota Hai: आपने अक्सर देखा होगा कि जब चंद्र या सूर्य ग्रहण लगता है तो उसके पहले उसका सूतक लग जाता है और सूतक लगते ही मंदिर बंद हो जाते हैं, कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। लेकिन आखिर ये सूतक है क्या? और चंद्र ग्रहण का सूतक काल सूर्य ग्रहण से कितना अलग है, ये आप यहां से जानें।

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Sutak Kaal Kya Hota Hai: हिंदू धर्म में ग्रहण को एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना गया है। सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण दोनों के समय सूतक काल लागू होता है। सूतक काल वह अवधि है। जब ग्रहण लगने से कुछ घंटे पहले से लेकर उसके समाप्त होने तक कुछ कार्यों पर रोक लगाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस समय नकारात्मक ऊर्जा और अशुद्ध तरंगें वातावरण में फैलती हैं, जो मनुष्य के तन-मन को प्रभावित करती हैं। यहां से आप जान सकते हैं कि चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले ही क्यों लगता है। साथ ही यहां चंद्र और सूर्य ग्रहण के सूतर के बीच के फर्क के बारे में बताया गया है।

सूतक काल क्या होता है, चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के सूतक काल अलग क्यों हैं (pic credit: canva)

सूतक काल क्या होता है?

सूतक काल चंद्र ग्रहण के प्रारंभ होने से पहले के समय को कहते हैं। सूतक काल एक धार्मिक और ज्योतिषीय अवधारणा है जो ग्रहण से जुड़ी होती है। इस दौरान शारीरिक और मानसिक स्तर पर व्यक्ति और वातावरण अशुद्ध हो जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस समय धार्मिक कर्म, पूजा, यज्ञ, भोजन आदि वर्जित होते हैं।

सूतक काल में क्या करना चाहिए?

  • मौन रहना चाहिए
  • ध्यान, जप, स्तोत्र-पाठ करना चाहिए
  • तुलसी पत्र को खाने-पीने की चीजों में डालना चाहिए
  • ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करना और घर की सफाई करनी चाहिए
  • गर्भवती महिलाओं को सूतक काल में घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
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