IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच 5 मैच की टेस्ट सीरीज में भले ही स्कोरलाइन इंग्लैंड के पक्ष में हो लेकिन टीम इंडिया ने अब तक एकदम अलग क्रिकेट खेली है। गिल ने बल्लेबाजी से लेकर कप्तानी में भी खुद को अब तक सही तरीके से साबित किया है और दिखाया है कि वह विराट की मशाल को आगे ले जाने के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प हैं।
IND vs ENG: भारतीय कप्तान की राह किसी भी फॉर्मेट में आसान नहीं हो सकती यह बात बीते 3 मैच में ही टीम इंडिया के नए टेस्ट कप्तान शुभमन गिल को समझ में आ गई होगी। एक ऐसे सेटअप में जहां खुद की बल्लेबाजी पर सवाल उठ रहे हो वहां आकर बतौर कप्तान टीम को आगे ले जाना किसी हरकुलियन टास्क से कम नहीं है। इंग्लैंड दौरे से पहले जब बीते 7 मई को रोहित शर्मा ने क्रिकेट के इस फॉर्मेट को अलविदा कहा तो चर्चा शुरू हो गई अब अगला कप्तान कौन होगा।
शुभमन गिल (साभार-ICC)
गौतम गंभीर के साथ डिनर करने के साथ ही यह तय हो गया कि टीम मैनेजमेंट जसप्रीत बुमराह से आगे की ओर देख रही है और गिल का नया कप्तान बनना तय था। इससे पहले कि इस पर आधिकारिक मुहर लगती गिल का साथ उनके सबसे बड़े सिपहसलार विराट कोहली ने छोड़ दिया। विराट के टेस्ट से संन्यास के फैसले ने न केवल क्रिकेट की दुनिया को बल्कि फैंस को भी सदमे में ला दिया। यह ठीक वैसे ही था कि नदी में उतरने से पहले आपसे चप्पू ले लिया जाए। लेकिन गिल घबराए नहीं और उन्होंने सहर्ष यह चुनौती स्वीकार की।
कप्तान बनने से पहले इंग्लैंड में बतौर बल्लेबाज गिल पर प्रश्नचिन्ह थे। गिल ने 25 की औसत से यहां रन बनाए थे। ऐसे में उन्हें कप्तान से पहले बतौर बल्लेबाज खुद को साबित करना था। इसके अलावा वह नंबर 4 पर बल्लेबाजी करने वाले थे जिस क्रम में विराट, सचिन और राहुल द्रविड़ जैसे नाम अपना लोहा मनवा चुके थे। उन्होंने हेडिंग्ले लीड्स में नंबर 4 पर उतरकर किसी को निराश नहीं किया और 147 रन की पारी खेल यह दिखा दिया कि कप्तानी मिलने का दबाव उनकी बल्लेबाजी पर नहीं पड़ा है, बल्कि वह इससे निखरे हैं।
एजबेस्टन में विराट के फॉर्मूले पर गिल
टीम 0-1 से डाउन होने के बाद एजबेस्टन पहुंची जहां 58 साल से टीम इंडिया जीत नहीं पाई थी। इस मुकाबले में उनका अलग ही अवतार दिखा और पहली पारी में 269 रन बनाकर उन्होंने बतौर कप्तान सबसे बड़ी पारी खेलने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। दूसरी पारी में गिल रुके नहीं बल्कि दूसरी पारी में 161 रन बनाकर टीम इंडिया की जीत सुनिश्चित कर दी। हुआ भी यही टीम इंडिया ने इस मैच को 336 रन से जीता जो विदेशी धरती पर सबसे बड़ी जीत थी।
शुभमन गिल
एजबेस्टन में दिखी कप्तानी की झलक
एजबेस्टन में टीम जसप्रीत बुमराह के बिना उतरी थी। सिराज के नेतृत्व में आकाशदीप पर बड़ी जिम्मेदारी थी। इस मुकाबले में जिस तरह से गिल ने अपने गेंदबाजों का इस्तेमाल किया उनमें एक हारे हुए कप्तान नहीं बल्कि कभी न हार मानने वाले विराट की छवि नजर आई। गेंदबाजों ने भी शानदार काम किया और 20 में 17 विकेट सिराज और आकाशदीप ने झटककर मैच में टीम इंडिया की वापसी करा दी।
शुभमन गिल
लॉर्ड्स में दिखा विराट का अग्रेसन
टीम लॉर्ड्स पहुंची तो यहां फैंस को गिल का अलग ही अवतार देखने को मिला है। जिस तरह से वह अपने खिलाड़ियों के लिए बीच मैदान इंग्लैंड से भिड़े उसने साल 2021 दौरे में विराट की याद दिला दी। जैक क्राउली से गिल के टकराव की यह इमेज किसी ने कल्पना नहीं की थी, लेकिन शायद टीम इंडिया के इस युवा कप्तान ने समझ लिया था कि क्रिकेट के अलावा भी मनोवैज्ञानिक दबाव बनाना पड़ेगा अगर मेजबान टीम को दबाव में लाना है। दिखा भी वही जब होम ऑफ क्रिकेट में इंग्लैंड की टीम दबाव नें खेलती नजर आई। हालांकि, आखिरी कुछ घंटे के खेल ने टीम इंडिया से जीत छीन ली।
सबको हो रहा है आश्चर्य
टीम इंडिया ने पिछले 3 मुकाबले में जिस तरह की क्रिकेट खेली है वह इंग्लैंड के पक्ष में 2-1 की स्कोरलाइन को जस्टिफाई नहीं करती। यही कारण है कि कुछ खिलाड़ी गिल की तारीफ कर रहे हैं तो कोई उन्हें सलाह दे रहे हैं। यह तो शुरुआत है लेकिन गिल ने 3 मैच में साबित कर दिया कि वह सही ट्रैक पर हैं।
मैच के बाद किया खिलाड़ियों का बचाव
बतौर बल्लेबाज खुद को साबित कर चुके शुभमन गिल ने लॉर्ड्स टेस्ट के बाद जो किया वह उन्हें बतौर कप्तान भी स्थापित करती है। बतौर लीडर आप अपनी टीम की गलतियों की भी जिम्मेदारी लेते हैं और उन पर भरोसा करते हैं। मैच के बाद गिल ने भी यही किया। उन्होंने अपने खिलाड़ियों की जमकर तारीफ की और गलतियों पर पर्दा भी डाला।
कोई तारीफ तो कोई दे रहा सबक
गिल के शुरुआती 3 मैच के बाद पूर्व क्रिकेटरों ने अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया दी है। वसीम जाफर ने जहां इस युवा कप्तान की जमकर तारीफ की है तो वहीं मोहम्मद कैफ ने उन्हें सलाह दी है। कैफ ने जैक क्राउली से उनकी लड़ाई पर उन्हें सुझाव दिया है। कैफ ने लिखा 'शुभमन गिल की ज़ैक क्राउली से हुई बहस ने इंग्लैंड को उकसा दिया। एजबेस्टन टेस्ट के बाद उनकी बल्लेबाज़ी, गेंदबाज़ी और कप्तानी पर सवाल उठे थे। लेकिन उस घटना ने बेन स्टोक्स को जोश से भर दिया और उन्होंने प्रेरणादायक स्पेल डाली। यह समझदारी है कि इंसान वही रवैया अपनाए जो उसके लिए काम करता है। गिल यह बात आगे सीखेंगे।