पूर्वी अफगानिस्तान में पाकिस्तान सीमा के पास आए एक शक्तिशाली भूकंप में आंकड़ों के मुताबिक अब तक 800 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 2500 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है। भारत ने मदद भेजी है। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मौलवी अमीर खानमुत्तकी से बात की।
Earthquake in Afghanistan: पूर्वी अफगानिस्तान में आए शक्तिशाली भूकंप में लगभग 800 लोगों की मौत हो गई और 2500 से अधिक लोग घायल हो गए। यह जानकारी तालिबान सरकार के एक प्रवक्ता ने दी है। भारत पड़ोसी होने के नाते अफगानिस्तान की मदद के लिए आगे आया। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मौलवी अमीर खान मुत्तकी से फोन पर बात की। विदेश मंत्री ने भूकंप में हुई जान-माल की हानि पर अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत ने आज काबुल में 1000 परिवारों के लिए तंबू पहुंचाए हैं। भारतीय मिशन द्वारा काबुल से कुनार तक 15 टन खाद्य सामग्री भी तुरंत पहुंचाई जा रही है। कल से भारत से और राहत सामग्री भेजी जाएगी। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। इस कठिन समय में भारत अफगानिस्तान के साथ खड़ा है।
अफगानिस्तान में आए भूकंप पर भारत ने भेजी मदद (Photo: AP)
भूकंप के बाद परेशान अफगानी लोग रात के अंधेरे में भी मलबे में अपने लापता प्रियजनों की तलाश करते रहे। पड़ोसी नंगरहार प्रांत के जलालाबाद शहर के समीप कुनार प्रांत के कई शहरों में रविवार देर रात आए 6.0 तीव्रता के भूकंप से बड़े पैमाने पर तबाही मची है।अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक रात 11:47 बजे आए भूकंप का केंद्र नंगरहार प्रांत के जलालाबाद शहर से 27 किलोमीटर दूर पूर्व-उत्तरपूर्व में था। भूकंप का केंद्र जमीन से आठ किलोमीटर की गहराई में था। कम गहराई वाले भूकंप ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। भूकंप के बाद भी कई झटके महसूस किए गए। फुटेज में दिखाया गया कि बचावकर्मी घायल लोगों को ढही हुई इमारतों से निकाल कर स्ट्रेचर की मदद से हेलिकॉप्टरों में ले जा रहे हैं, जबकि लोग हाथों से मलबे को हटाने में लगे हुए हैं। तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मरने वालों की संख्या बढ़कर 800 हो गई है और 2,500 लोग घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि ज़्यादातर लोग कुनार प्रांत में हताहत हुए हैं।
गांव को गांव हो गए खत्म
अफगानिस्तान में इमारतें आमतौर पर कम ऊंचाई वाली होती हैं। जो ज्यादातर कंक्रीट और ईंटों से बनी होती हैं, जबकि ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में घर कच्ची ईंटों और लकड़ी से बने होते हैं। कई मकानों की गुणवत्ता घटिया है। कुनार के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक नर्गल जिले के एक निवासी ने बताया कि लगभग पूरा गांव खत्म हो गया है। ग्रामीण ने बताया, ‘‘बच्चे मलबे के नीचे दबे हैं। बुजुर्ग मलबे के नीचे हैं। युवा मलबे के नीचे दबे हैं।’’ पूर्वी अफगानिस्तान पहाड़ी क्षेत्र है और दूरदराज के इलाकों से घिरा है। भूकंप के कारण संचार व्यवस्था बिगड़ गई है। घटना में जीवित बचे एक व्यक्ति ने बताया कि उसने अपनी आंखों के सामने घरों को ढहते और लोगों को मदद के लिए चीखते-चिल्लाते देखा। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता शराफत जमान ने बताया कि बचाव कार्य जारी है और कुनार, नंगरहार और राजधानी काबुल से चिकित्सा दल क्षेत्र में पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि कई इलाकों में हताहतों की संख्या अभी पता नहीं चल पायी है और मृतकों व घायलों की संख्या बढ़ने के साथ ही इन आंकड़ों में बदलाव की आशंका है।
तालिबान सरकार के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा, "लोगों की जान बचाने के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग किया जाएगा।"
अफगानिस्तान में 6.3 तीव्रता का आया भूकंप
पड़ोसी देश पाकिस्तान से निकटता और दोनों देशों के बीच सीमा पार का एक प्रमुख केंद्र होने के कारण जलालाबाद एक चहल-पहल वाला व्यापारिक शहर है। नगरपालिका के अनुसार, इसकी आबादी लगभग 300000 है, लेकिन इसका महानगरीय क्षेत्र कहीं ज्यादा बड़ा माना जाता है।
जलालाबाद में खेती भी काफी होती है, जिसमें खट्टे फल और चावल शामिल हैं तथा काबुल नदी इसी शहर से होकर बहती है। सात अक्टूबर 2023 को अफगानिस्तान में 6.3 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसके बाद तेज झटके भी महसूस किए गए थे। तालिबान सरकार का अनुमान है कि इस भूकंप में कम से कम 4,000 लोग मारे गए। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र ने मृतकों की संख्या काफी कम लगभग 1,500 बताई थी। यह हाल के दिनों में अफगानिस्तान में आई सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा थी।