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बलूचिस्तान में एक महीने में तीसरी बार इंटरनेट बंद, पाकिस्तानी सरकार पर बलूचों के दमन के आरोप

बलूचिस्तान के लोगों को एक महीने के भीतर तीसरी बार इंटरनेट ब्लैकआउट का सामना करना पड़ा है। मानवाधिकार समूहों ने इस प्रवृत्ति की आलोचना की है। उनका कहना है कि यह प्रतिबंध "बुनियादी मानवाधिकारों" को नजरअंदाज करने के समान है।

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पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक महीने के भीतर तीसरी बार इंटरनेट शटडाउन लागू किया गया है, जिससे स्थानीय लोगों, छात्रों, व्यवसायियों और कार्यकर्ताओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मानवाधिकार संगठनों, विशेष रूप से एमनेस्टी इंटरनेशनल, ने इस कदम को "बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन" करार देते हुए इसकी कड़ी आलोचना की है।

बलूचिस्तान के दर्जनों लोग हो चुके हैं लापता (फाइल फोटो- AP)

क्या है मामला?

5 सितंबर की शाम को, पाकिस्तानी अधिकारियों ने "कानून-व्यवस्था की स्थिति और मौजूदा खतरे की चेतावनी" का हवाला देते हुए बलूचिस्तान में 3G और 4G मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दीं। यह बंद 6 सितंबर की रात तक जारी रहा। यह इंटरनेट ब्लैकआउट, इस वर्ष अगस्त में लागू किए गए दो अन्य ब्लैकआउट्स के बाद आया है। इन घटनाओं में हजारों लोग, जिनके लिए मोबाइल इंटरनेट सूचना, शिक्षा और रोजगार का एकमात्र साधन है, प्रभावित हुए।

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