प्रधानमंत्री मोदी वर्तमान में चीन की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं, जहां वे 31 अगस्त से 1 सितंबर तक आयोजित होने वाले 25वें एससीओ राष्ट्राध्यक्ष परिषद शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।
Russia-India-China ties- चीन के तियानजिन में हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भारत-रूस-चीन के बीच नई जुगलबंदी दिख रही है। अमेरिका की ओर से लगाए गए टैरिफ के बीच हो रहा ये सम्मेलन इस मायने में बेहद अहम है कि यहां दुनिया की तीन बड़े देश एक ही मंच पर हैं। रूस ने कहा है कि ये नई साझेदारी एक नई प्रणाली का निर्माण कर रही है। वियना में अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में रूस के स्थायी प्रतिनिधि मिखाइल उल्यानोव ने कहा कि रूस, भारत और चीन के बीच बढ़ती साझेदारी वैश्विक अनिश्चितताओं, खासकर अमेरिकी टैरिफ के कारण आर्थिक चिंताओं के बीच अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में एक गुणात्मक रूप से नई प्रणाली का निर्माण है।
भारत-रूस-चीन सहयोग का नया अध्याय
एक साथ मोदी-पुतिन-जिनपिंग
उल्यानोव ने X पर एक पोस्ट को साझा करते हुए, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक साथ दिखाई दे रहे हैं, बहुध्रुवीयता पर एक संदेश का हवाला देते हुए कहा, हम अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की एक गुणात्मक रूप से नई प्रणाली के निर्माण के साक्षी बन रहे हैं। उनका यह पोस्ट रविवार को तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक के बाद आया, जिसमें दोनों नेताओं ने अक्टूबर 2024 में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान कजान में अपनी पिछली बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक गति और निरंतर प्रगति का स्वागत किया।
दोनों ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश विकास के साझेदार हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं और उनके मतभेद विवादों में नहीं बदलने चाहिए। उन्होंने भारत और चीन के बीच आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता पर आधारित एक स्थिर संबंध और सहयोग का आह्वान किया, जो दोनों देशों की वृद्धि और विकास के साथ-साथ 21वीं सदी के रुझानों के अनुरूप एक बहुध्रुवीय विश्व और बहुध्रुवीय एशिया के लिए जरूरी है। उल्यानोव द्वारा साझा किया गया यह पोस्ट 2018 में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में हुई रूस-भारत-चीन त्रिपक्षीय वार्ता का है।
चीन की दो दिवसीय यात्रा पर पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी वर्तमान में चीन की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं, जहां वे 31 अगस्त से 1 सितंबर तक आयोजित होने वाले 25वें एससीओ राष्ट्राध्यक्ष परिषद शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। इससे पहले रविवार को प्रधानमंत्री ने चीनी राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता की और शिखर सम्मेलन के बाद सोमवार को वे पुतिन से मुलाकात करेंगे।
शी जिनपिंग के साथ अपनी वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द के महत्व को भी रेखांकित किया। दोनों नेताओं ने पिछले वर्ष सफल सैन्य वापसी और उसके बाद से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखने पर भी संतोष जताया और अपने समग्र द्विपक्षीय संबंधों के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य और दोनों देशों के लोगों के दीर्घकालिक हितों को ध्यान में रखते हुए सीमा प्रश्न के निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान के लिए प्रतिबद्धता जताई। (ANI)