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Mutual Funds में निवेश से पहले एक्सपेंस रेश्यो जरूर चेक करें, ले पाएंगे ज्यादा रिटर्न

म्यूचुअल फंड निवेश से पहले जोखिम को समझना बेहद जरूरी है। बेटा, स्टैंडर्ड डेविएशन और शार्प रेश्यो जैसे पैरामीटर से फंड का रिस्क लेवल मापा जा सकता है। साथ ही, फंड का पिछला प्रदर्शन, उसमें लगने वाले चार्जिस और सही कैटेगरी की तुलना पर ध्यान देना चाहिए। सही जांच-पड़ताल के बाद ही निवेश करने से बेहतर और सुरक्षित रिटर्न की संभावना बढ़ जाती है।

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आज म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए एक पसंदीदा विकल्प बन चुका है। वजह साफ है यहां निवेश करने पर अच्छा खासा रिटर्न मिल सकता है। हालांकि, यह रिटर्न पूरी तरह बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। इसलिए किसी भी फंड में निवेश करने से पहले उससे जुड़े जोखिम (Risk) को समझना बेहद जरूरी है।

Mutual Funds

जोखिम कैसे मापें?

म्यूचुअल फंड का जोखिम जानने के लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं।

बेटा (Beta): अगर फंड का बीटा 1 से कम है, तो वह फंड कम रिस्क वाला माना जाता है। वहीं, अगर बीटा 1 से ज्यादा है तो इसका मतलब है कि फंड ज्यादा रिस्की है।

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